Electric bus in UP: उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की तादाद बढ़ाई जाएगी। प्रदेश सरकार की योजना बड़े शहरों में डीजल चालित सार्वजनिक बसों की जगह इलेक्ट्रिक बस चलाने की है। एक साल के भीतर प्रदेश शहर शहरों में चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाकर तीन गुना करेगी।
प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के मुताबिक प्रदूषण को कम करने व आवागमन आसान करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। अभी प्रदेश के चुनिंदा बड़े शहरों में 750 इलेक्ट्रिक बसें चलायी जा रही हैं। जल्दी इनकी तादाद बढ़ाकर 2500 कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट घटाने के लिए प्रदेश के शहरों के लिए काम्प्रीहेन्सिव इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान की जरूरत है। अभी कार्बन फुटप्रिंट ही प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ने से निश्चित तौर पर कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी।
मुख्य सचिव ने बताया कि एक साल के भीतर लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, अयोध्या और प्रयागराज जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी। प्रदेश के नगर विकास विभाग ने हाल ही में 1500 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को मंजूरी दी है। ये सभी बसें स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चलेंगी।
इस परियोजना के तहत चयनित शहरों में सड़कों को पैदल व साइकिल से चलने योग्य बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा 4.5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन उत्तर प्रदेश में चल रहे हैं। जल्दी ही बड़े शहरों में लोगों के लिए आवागमन का सबसे सुलभ व आरामदेह साधन इलेक्ट्रिक बसें होंगी।