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क्या है स्वामित्व योजना, जिसके तहत PM ने बांटे 65 लाख प्रॉपर्टी कार्ड, किसको मिलेगा लाभ और क्यों है यह जरूरी; जानिए विस्तार से

यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल 2020 को को राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के अवसर पर शुरू की गई थी और 11 अक्टूबर 2020 से प्रॉपर्टी कार्डों का वितरण शुरू हुआ था।

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ऋषभ राज   
Last Updated- January 19, 2025 | 1:37 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले 65 लाख से अधिक लोगों को स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड का बंटवारा किया। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 230 जिलों के 50,000 से अधिक गांवों में रहने वाले इन लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इसे “भारत के गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऐतिहासिक दिन” बताया।  उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक गांवों में 2.25 करोड़ लोगों को उनके घरों के लिए कानूनी डॉक्यमेंट मिला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कानूनी डॉक्यूमेंट मिलने के बाद लाखों लोगों ने अपने घरों और संपत्ति के आधार पर बैंकों से लोन लिया है। इस पैसे से उन्होंने गांव में अपना छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया है। इनमें से कई छोटे और मध्यम किसान परिवार हैं। उनके लिए ये प्रॉपर्टी कार्ड आर्थिक सुरक्षा की बड़ी गारंटी बन गए हैं।”

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “अवैध कब्जों और कोर्ट-कचहरी के लंबे विवादों से सबसे ज्यादा परेशान और प्रभावित हमारे दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार थे। अब उन्हें इस संकट से छुटकारा मिल रहा है। अनुमान है कि सभी गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड बनने के बाद 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खुलेगा। आप सोच सकते हैं कि इसके माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में कितनी बड़ी पूंजी जुड़ने वाली है।”

बता दें कि शनिवार को स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड  के लाभार्थी 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों – छत्तीसगढ़ , गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र , मिजोरम, ओडिशा , पंजाब, राजस्थान , उत्तर प्रदेश और जम्मू- कश्मीर और लद्दाख के लोग थे। कार्यक्रम के दौरान, पीएम ने पांच स्वामित्व लाभार्थियों से बातचीत भी की।

क्या है स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड?

स्वामित्व  (SVAMITVA) का पूरा नाम है “Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas”। यह केंद्र सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी एक योजना है जिसका उद्देश्य गांवों में बसे हुए घरों के मालिकों को ‘स्वामित्व का रिकॉर्ड’ देना और उन्हें प्रॉपर्टी कार्ड जारी करना है। अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को उनके संपत्तियों का मालिकाना हक दिलाना है। योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों की संपत्तियों का सर्वेक्षण ड्रोन के माध्यम से किया जाता है और प्रत्येक गांव का GIS आधारित मानचित्र तैयार किया जाता है।

यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल 2020 को को राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के अवसर पर शुरू की गई थी और 11 अक्टूबर 2020 से प्रॉपर्टी कार्डों का वितरण शुरू हुआ था।

इस योजना में 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को रखा गया है। तेलंगाना, सिक्किम और तमिलनाडु इस योजना के तहत पायलट फेज में थे। बिहार, नागालैंड, मेघालय और पश्चिम बंगाल ने इस योजना से खुद को अलग रखा है। इसके अलावा गोवा, उत्तराखंड, त्रिपुरा और हरियाणा में यह योजना पहले ही पूरी हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ और कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वे पूरा हुआ है।

क्या हैं स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड के फायदे

सरकार द्वारा यह योजना लाने का सबसे बड़ा कारण ग्रामीण लोगों को उनकी संपत्ति का एक लिखित मालिकाना हक दिलाना था। इसके अलावा इस कार्ड के बन जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन विवाद में कमी आ सकती है। जमीन का असली मालिक कौन है और उसकी जमीन कहां तक है, ये सब चीजें इस कार्ड के माध्यम से पता चल सकेगा। इसके अलावा जमीन का सटीक रिकॉर्ड रखना भी पहले से आसान हो जाएगा। गांव के रहने वाले लोग इस कार्ड के माध्यम से लोन और अन्य वित्तीय लाभ ले सकेंगे, जिससे उनके जीवन में आसानी होगी। साथ ही इस योजना के माध्यम से जो प्रॉपर्टी टैक्स मिलेगा, वह सरकार के कोष में जाएगा।

कौन ले सकते हैं लाभ

स्वामित्व योजना का उद्देश्य उन ग्रामीण व्यक्तियों को लाभ देना है जिनके पास अपनी जमीन या मकान से संबंधित कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे लोग जिन्होंने अपनी जमीन पर घर तो बना लिया है, लेकिन उनके पास कोई कानूनी कागजात नहीं हैं, स्वामित्व योजना के तहत उन्हें एक प्रॉपर्टी कार्ड दिया जाएगा। इस योजना के तहत, सरकार उन क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर उन्हें यह कार्ड प्रदान करेगी, जिससे जमीन और संपत्ति के अधिकारों का प्रमाण मिलेगा। एक बार यह कार्ड जारी हो जाने के बाद, किसी भी प्रकार के संपत्ति विवाद का समाधान हो जाएगा, क्योंकि इसे आधिकारिक रूप से जमीन के मालिक को मालिकाना हक प्रदान किया जाएगा।

स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड कैसे बनता है?

स्वामित्व योजना को लागू करने के लिए एक बहु-स्तरीय प्रक्रिया निर्धारित की गई थी, जो भारतीय सर्वेक्षण विभाग (Survey of India) और राज्य सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) से शुरू होती है। सर्वेक्षण विभाग, ड्रोन, सेटेलाइट मैपिंग और बिना मानव एयरक्राफ्ट (UAV) प्लेटफार्मों का उपयोग करके सभी स्तरों से मैपिंग करता है और राष्ट्रीय टॉपोग्राफिक डेटाबेस तैयार करता है। इसके बाद, पायलट चरण के दौरान सर्वे के लिए गांवों की पहचान की जाती है और लोगों को संपत्ति की मैपिंग की प्रक्रिया की शुरू की जाती है। फिर ड्रोन के माध्यम से बड़े पैमाने पर ग्रामीण आबादी क्षेत्र का मैपिंग किया जाता है।

अगर आप भी स्वामित्व योजना का लाभ उठाना चाहते हैं या अपनी जमीन या संपत्ति के लिए संपत्ति कार्ड बनवाना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए https://svamitva.nic.in/svamitva/ वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन करते समय आपको नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, ईमेल आईडी और जमीन से संबंधित जानकारी भरनी होगी। आवेदन करने के बाद, आपकी आवासीय भूमि की मैपिंग ड्रोन के जरिए किया जाएगा, और गांव की सीमा के भीतर स्थित सभी संपत्तियों का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाएगा।

First Published : January 19, 2025 | 1:30 PM IST