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‘भारत की सड़कें बनेंगी विश्वस्तरीय’, बोले गडकरी- अगले दो वर्षों में 10 लाख करोड़ का ऐतिहासिक निवेश

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली सहित सभी राज्यों में काम चल रहा है।

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भाषा   
Last Updated- April 13, 2025 | 10:54 PM IST

केंद्र सरकार देशभर में राजमार्गों को मजबूत करने के लिए अगले दो साल में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां की सड़कें अमेरिका की सड़कों के समान होंगी। गडकरी ने एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि विश्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए केंद्र सरकार देश के बुनियादी ढांचे में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम राजमार्गों को मजबूत करने के लिए अगले दो वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसमें भी पूर्वोत्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा बढ़ाने और मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। आने वाले दो वर्षों में पूर्वोत्तर के राजमार्ग अमेरिकी सड़कों के बराबर हो जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के कठिन भूभाग और सीमाओं से निकटता को देखते हुए यहां सड़क बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास देश के बुनियादी ढांचे में आमूलचूल बदलाव लाना है, ताकि यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचों में गिना जाए।’

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली सहित सभी राज्यों में काम चल रहा है। गडकरी ने कहा कि पूर्वी राज्यों में 3,73,484 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 784 राजमार्ग परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी, जिनके तहत 21,355 किलोमीटर सड़क आएंगी। इनमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, एनएचएआई और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड की परियोजनाएं शामिल हैं। गडकरी ने बताया, ‘हमारे पास फिलहाल असम में 57,696 करोड़ रुपये और बिहार में लगभग 90,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं हैं। पश्चिम बंगाल में 42,000 करोड़ रुपये से अधिक, झारखंड में लगभग 53,000 करोड़ रुपये और ओडिशा में लगभग 58,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं भी शुरू हो रही हैं।’

गडकरी के अनुसार, ‘असम को छोड़कर पूर्वोत्तर में इस साल करीब एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होंगी।’ नागपुर में 170 करोड़ रुपये की लागत से एक ‘मास रैपिड ट्रांसपोर्ट’ पायलट परियोजना चल रही है। इस परियोजना में 135 सीटों वाली बस शामिल है जो प्रदूषण नहीं फैलाने वाले ऊर्जा स्रोतों पर चलेगी और इसके अत्यधिक लागत प्रभावी होने की उम्मीद है। यदि यह सफल रही तो इसे बनाओ-चलाओ-स्थानांतरित करो (बीओटी) मॉडल के तहत दिल्ली-जयपुर खंड सहित देशभर के महत्त्वपूर्ण मार्गों पर लागू किया जाएगा। 

मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो मार्च, 2014 के 91,287 किलोमीटर से बढ़कर वर्तमान में 1,46,204 किलोमीटर हो गया है। इसके अलावा मानदंडों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। दो लेन से नीचे के राष्ट्रीय राजमार्गों का अनुपात तेजी से कम हुआ है। कुल नेटवर्क में यह 30 प्रतिशत से घटकर सिर्फ नौ प्रतिशत रह गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में एनएचएआई ने 5,614 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए, जो इसके 5,150 किलोमीटर के लक्ष्य से अधिक है। भाषा

First Published : April 13, 2025 | 10:54 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)