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Wrestlers protest: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चेयरमैन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों को धरना करते हुए आज छह दिन हो गए हैं। इन पहलवानों के समर्थन में अब कई एथलीट्स और एक्टर्स ने भी रिएक्ट तथा ट्वीट किया है।
बता दें कि विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित कई खिलाड़ी रविवार (23 अप्रैल) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंच गए थे। उसके बाद से वह धरने पर बैठे हैं। पहलवानों ने जनवरी में भी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
नीरज चोपड़ा ने जताया दुख
भारतीय एथलीट और Tokyo ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा, “पहलवान इतनी मेहनत करते हैं और उनको इस हालत में देखना दुखी है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए और जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए।”
पहलवानों ने क्रिकेटर्स की चुप्पी पर उठाया था सवाल
इससे पहले पहलवानों ने सवाल उठाया कि क्रिकेटर्स इस मसले पर चुप क्यों हैं? इसके बाद इंडियन टीम के पूर्व कैप्टन कपिल देव ने शुक्रवार को कहा- क्या कभी इन लोगों को इंसाफ मिलेगा? सानिया मिर्जा ने भी अपील की- मुश्किल वक्त में रेसलर्स का साथ दें।
अब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी पहलवानों का समर्थन किया है और उन्हें निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सहवाग ने ट्वीट किया, “बहुत दुःख की बात है की हमारे champions जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है, झंडा लहराया है, हम सबको इतनी ख़ुशियाँ दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है। बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।”
इसके अलावा इरफ़ान पठान ने भी ट्वीट किया और लिखा, “भारतीय एथलीट हमेशा हमारा गौरव होते हैं, न केवल तब जब वे हमारे लिए मैडल लाते हैं।”
गौरतलब है कि जनवरी में पहलवानों ने पहली बार कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर में धरने पर बैठे थे। पहलवानों कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर मनमाने तरीके से संघ चलाने और कई महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोप लगाए थे।
इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के कामकाज को दूर कर दिया गया और उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई। इस समिति ने पांच अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। इसके बाद पहलवानों ने रविवार (23 अप्रैल) को फिर से दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन शुरू कर दिया।