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थाईलैंड में भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन: 1 लाख श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शनिवार को माखा बुचा दिवस पर लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने अवशेषों के दर्शन किये।

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भाषा   
Last Updated- February 26, 2024 | 8:13 PM IST

एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां माखा बुचा दिवस पर भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के अवशेषों के दर्शन किए। इन अवशेषों को 26 दिनों के लिए भारत से थाईलैंड लाया गया है। भगवान बुद्ध के चार पवित्र पिपराहवा अवशेष सहित उनके दो शिष्यों – अरहाता सारिपुत्र और अरहाता मौदगल्यायन के अवशेष बृहस्पतिवार को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान के जरिये थाईलैंड पहुंचे।

इन्हें शुक्रवार को बैंकॉक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित पंडाल में श्रद्धा और मंत्रोच्चार के बीच प्रतिष्‍ठापित किया गया। भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शनिवार को माखा बुचा दिवस पर लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने अवशेषों के दर्शन किये।

थाईलैंड के अखबार ‘द नेशन’ के अनुसार, माखा बुचा दिवस एक महत्वपूर्ण बौद्ध दिवस है, जो ‘‘करीब 2,500 साल पहले 1,250 प्रबुद्ध भिक्षुओं की एक सभा’’ की याद दिलाता है। यह त्योहार, जिसे माघ पूजा के नाम से भी जाना जाता है, बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष स्थान रखता है।

अवशेषों को थाईलैंड में 22 फरवरी से शुरू हुई 26 दिवसीय प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अवशेषों को एक साथ प्रदर्शित किया गया है।

विज्ञप्ति के अनुसार, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भगवान बुद्ध के अवशेषों को मंडप में प्रतिष्‍ठापित करने के लिए थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को सौंपा जबकि सारिपुत्र और महा मौदगल्यायन के अवशेषों को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री सोमसाक थेपसुतिन और थाई संस्कृति मंत्री को सौंपा।

First Published : February 26, 2024 | 7:45 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)