देश में कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी का कहर जारी है। ऐसे में अमेरिका ने भारत को तुरंत अतिरिक्त मदद देने की पेशकश की है। अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज कहा कि वे भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को और आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस मदद का विस्तृत ब्योरा नहीं दिया।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘हम कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौर से गुजर रहे भारतीय लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। हम भारत सरकार के अपने साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम जल्द भारत और भारत के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अतिरिक्त मदद मुहैया कराएंगे।’
अमेरिका के राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘अमेरिका भारत में कोविड-19 के विकराल रूप को लेकर अत्यधिक चिंतित है। हम भारत में अपने दोस्तों और साझेदारों को उत्पादों की आपूर्ति और मदद देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने इस महामारी का बहादुरी से सामना किया है। उन्हें जल्द और मदद दी जाएगी।’
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत देश में जल्द ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाना चाहता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम अमेरिका से ऑक्सीजन से संबंधित कुछ उत्पाद खरीद सकते हैं। अमेरिका को भी इस संदर्भ में देखा जा रहा है।’ भारत में पिछले कुछ दिनों से रोजाना संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले आ रह हैं। इससे अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन की आपूर्ति और इंजेक्शन जैसी अन्य चिकित्सा सामग्री की किल्लत पैदा हो गई है। देश में मरीज ऑक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं, इसलिए सरकार ने 50,000 टन ऑक्सीजन खरीदने के लिए वैश्विक निविदा जारी की है।
इसके अलावा भारत बाइडन प्रशासन से आग्रह कर रहा है कि अमेरिका से कच्चे माल के निर्यात पर पाबंदियां हटाई जाएं। इससे टीका विनिर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को अपने कोविड-19 के टीके कोवोवैक्स का उत्पादन बढ़ाने में मदमद मिलेगी।
हालांकि दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है और वे हालातों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह कहा कि उनकी पहली जिम्मेदारी अमेरिका के लोगों के टीकाकरण की है। प्रवक्ता ने निर्यात पर प्रतिबंधों से संबंधित सवाल के जवाब में कहा, ‘अमेरिका सबसे पहले अमेरिकी लोगों के टीकाकरण के महत्त्वाकांक्षी एवं प्रभावी और अब तक सफल प्रयास में जुटा है। यह अभियान जारी है। और हम ऐसा कुछ वजहों से कर रहे हैं। पहला, हमार्ी अमेरिकी लोगों के प्रति विशेष जिम्मेदारी है। दूसरा, अमेरिकी लोग और यह देश दुनिया के अन्य किसी भी देश से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां 5,50,000 से अधिक मौत हुई हैं और करोड़ों लोग संक्रमित हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम घरेलू स्तर पर अपनी स्थिति को लेकर ज्यादा सहज हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हम पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। मुझे उम्मीद है कि हम ज्यादा करने में सक्षम होंगे। निसंस्देह हम अपनी पहली जिम्मेदारी को लेकर ज्यादा से ज्यादा काम करने की कोशिश करेंगे।’
बाइडन प्रशासन ने युद्धकालीन कानून लागू कर दिया है, जिससे टीका उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले अहम कच्चे माल का निर्यात रुक गया है।