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बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE) ने अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है, जो लगातार ब्याज दरों की 12वीं वृद्धि है। यह 2008 के बाद से सबसे ज्यादा ब्याज की दर है। मौजूदा समय में इंग्लैंड में महंगाई तेजी से बढ़ रही है और इसी महंगाई को काबू में लाने के लिए बैंक ने लगातार 12वीं बार ब्याज दरें बढ़ाई हैं। इसके बावजूद, BoE ने अपने विकास पूर्वानुमानों को संशोधित किया है, जो कि 1997 में पहली बार प्रकाशित पूर्वानुमानों के बाद से सबसे बड़ा सुधार है। यह भी भविष्यवाणी की गई है कि महंगाई पहले की अपेक्षा धीमी रफ्तार से कम होगी, क्योंकि पहले उम्मीद की जा रही थी कि खाने की कीमतें कम होंगी लेकिन इसके इतर वे धीरे-धीरे और बढ़ रही हैं।
बैंक ने कहा कि अगर इसी तरह महंगाई बढ़ती रही, तो मौद्रिक नीति में और सख्ती दिखानी पड़ेगी। बैंक के नीति निर्माताओं ने वृद्धि के लिए 7-2 वोट दिए, अर्थशास्त्रियों ने इस परिणाम की अपेक्षा की है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व और यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने पिछले सप्ताह अपनी बेंचमार्क उधार दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी।
इसके पहले BoE पर आरोप लगाए गए हैं कि महंगाई को काबू में करने के लिए उन्होंने पर्याप्त कोशिशें नहीं की। क्योंकि अक्टूबर में ही मुद्रास्फीति चार दशकों में सबसे ज्यादा 11.1 फीसदी हो गई थी। बैंक को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी तक गिर जाएगी, लेकिन यह फरवरी में अनुमानित 3.9 फीसदी की गिरावट से कम है।
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BoE ने भविष्यवाणी की है कि 2025 की शुरुआत तक मुद्रास्फीति अपने 2 फीसदी लक्ष्य पर वापस नहीं आएगी, और बैंक के अधिकांश नीति निर्माता सोचते हैं कि मुद्रास्फीति अभी और बढ़ेगी। बैंक ऑफ इंग्लैंड चिंतित है कि हाल ही में की गई मजबूत वेतन वृद्धि अर्थव्यवस्था के लिए लंबे समय तक चलने वाली समस्या बन सकती है। हालांकि, बैंक ने अब अनुमान लगाया है कि इस वर्ष अर्थव्यवस्था 0.25 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जबकि इसके पहले के 0.5 फीसदी की भविष्यवाणी की गई थी।
बैंक अब इस वर्ष मंदी की भविष्यवाणी नहीं कर रहा, और यह अनुमान है कि तीन साल के समय में अर्थव्यवस्था पहले की तुलना में 2.25 फीसदी बड़ी होगी। मार्च में घोषित सरकार के बजट से आने वाले वर्षों में आर्थिक उत्पादन में लगभग 0.5 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है।