अंतरराष्ट्रीय

Nepal Plane Crash: घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स बरामद, 35 शवों की पहचान हुई

Published by
भाषा
Last Updated- January 16, 2023 | 5:42 PM IST

‘यति एयरलाइंस’ (Yeti Airlines) के दुर्घटनाग्रस्त विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ सोमवार को दुर्घटनास्थल से बरामद कर लिया गया जबकि हादसे के बाद से अब तक लापता चार लोगों का पता लगाने के लिए बचाव एवं तलाशी अभियान को तेज कर दिया गया है।

अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यति एयरलाइंस का एटीआर-72 विमान रविवार को रिजार्ट शहर पोखरा के नवनिर्मित हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान नदी तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें चालक दल के चार सदस्यों और पांच भारतीयों समेत 72 लोग सवार थे।

इनमें 68 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है और अन्य चार की तलाश जारी है। अधिकारियों ने कहा कि अब तक मिले 68 शवों में से 35 की पहचान हो गई है। नेपाल में सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ (सीवीआर) और ‘फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (एफडीआर) दोनों को बरामद कर लिया गया है। रात को खोज और बचाव अभियान को रोक दिया गया था और आज सुबह बचाव दल ने 300 मीटर गहरी खाई में उतरकर फिर से अपना अभियान शुरू किया।

सीवीआर कॉकपिट में रेडियो प्रसारण और अन्य ध्वनियां रिकॉर्ड करता है, जैसे पायलटों के बीच बातचीत, और इंजन से आने वाली आवाज आदि। एफडीआर 80 से अधिक विभिन्न प्रकार की जानकारी जैसे गति, ऊंचाई और दिशा, साथ ही पायलट क्रियाओं और महत्वपूर्ण प्रणालियों के प्रदर्शन को रिकॉर्ड करता है। काठमांडू हवाई अड्डे के अधिकारियों के अनुसार, यति एयरलाइंस के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान के उतरने से कुछ मिनट पहले पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त होने के एक दिन बाद, दुर्घटना स्थल से सीडीआर व एफडीआर बरामद किए गए।

‘यति एयरलाइंस’ के प्रवक्ता सुदर्शन बारतौला ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ मौके से बरामद कर लिया गया है और उसे नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएएएन) के हवाले कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन ‘बॉक्स’ से रविवार की दुर्घटना के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। हिमालयी राष्ट्र में पिछले 30 से अधिक वर्षों में हुआ यह सबसे भीषण विमान हादसा है।

अब तक 68 शव बरामद किए जा चुके हैं और बाकी चार लापता लोगों की तलाश जारी है। कास्की जिला पुलिस कार्यालय के कार्यवाहक सूचना अधिकारी पुलिस निरीक्षक ज्ञान बहादुर खड़का ने कहा कि अब तक कम से कम 35 शवों की पहचान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोस्टमार्टम शुरू होगा। विमान में पांच भारतीय अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27) सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल सवार थे। ये सभी उत्तर प्रदेश के निवासी थे।

उनके साथ नेपाल गए एक स्थानीय निवासी ने कहा कि इन पांच भारतीयों में से चार की योजना पोखरा में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों में भाग लेने की थी। काठमांडू के त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल से एक चिकित्सा दल को हवाईमार्ग से पोखरा ले जाया जा रहा है। खड़का ने कहा कि जैसे ही वे पोखरा पहुंचेंगे पोस्टमॉर्टम पोखरा के ‘वेस्टर्न रीजनल हॉस्पीटल’ में शुरू होगा।

नेपाली सेना के सूत्रों ने बताया कि दुर्घटनास्थल सेती नदी का गहरा खड्ड है, इसलिए बचाव कर्मियों को इस अभियान को जारी रखने में समस्या आ रही है। विमान की कमान कैप्टन कमल केसी संभाल रहे थे जो एक प्रशिक्षक पायलट थे। केसी ने करीब 110 किलोमीटर की दूरी से पोखरा नियंत्रण टावर से पहली बार संपर्क किया। समाचार पत्र ‘काठमांडू पोस्ट’ ने पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रवक्ता अनूप जोशी के हवाले से कहा, ‘‘ मौसम साफ था। हमने पूर्वी छोर पर रनवे30 पर उन्हें उतरने को कहा…सब कुछ सही था।’’

उन्होंने कहा कि किसी गड़बड़ी की जानकारी नहीं दी गई थी। जोशी ने बताया कि विमान के कैप्टन ने बाद में पश्चिमी छोर पर रनवे12 पर उतरने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें नहीं पता कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। अनुमति दे दी गई और फिर विमान उतरने लगा।’’

काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के महाप्रबंधक प्रेमनाथ ठाकुर ने कहा, “विमान ने सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर काठमांडू से उड़ान भरी। विमान को 10 बजकर 58 मिनट पर पोखरा में उतरना था। विमान लगातार पोखरा टावर के संपर्क में था। उस विमान के उतरने के लिये आवश्यक मंजूरी (लैंडिंग क्लीयरेंस) भी हासिल कर ली गई थी। मौसम भी ठीक था। सब कुछ ठीक था फिर हादसा कैसे हुआ यह जांच का विषय है।” ठाकुर ने कहा, “एक उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है। इसके वॉयस रिकॉर्डर और अन्य परिस्थितियों की जांच कर कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है।” दल 45 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। प्रमुख पर्यटन स्थल पोखरा दो नदियों – विजयापुर और सेती- के बीच स्थित है। विमानों की आवाजाही पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार 24 ने दावा किया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान 15 साल पुराना था और इसमें “अविश्वसनीय डेटा वाले पुराने ट्रांसपोंडर” लगे थे।

First Published : January 16, 2023 | 5:42 PM IST