मिस्र के नेताओं और अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए मंगलवार को काहिरा में मौजूद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उग्रवादियों से बंधकों को छुड़ाने के बदले इजराइल-हमास के बीच संघर्षविराम के लिए वार्ता करने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इजराइल ने संकेत दिए हैं कि गाजा में जारी लड़ाई फैलकर मिस्र सीमा तक पहुंच सकती है, जिसको लेकर मिस्र में बढ़ती चिंताओं के बीच ब्लिंकन ने यह यात्रा की है। मिस्र सीमा पर फिलहाल बड़ी तादाद में विस्थापित फलस्तीनी शरण लिए हुए हैं।
इजराइली रक्षा मंत्री ने कहा है कि इजराइल के हमले अंततः मिस्र की सीमा पर रफाह शहर तक पहुंच जाएंगे। गाजा की 23 लाख की आबादी में से आधे से अधिक लोगों ने रफाह शहर में शरण ले रखी है है और वे दयनीय परिस्थितियों में रह रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय पर्यवेक्षकों ने मंगलवार को कहा कि गाजा छोड़ने का इजराइल का आदेश अब दो तिहाई क्षेत्र पर लागू हो गया है, जिसके चलते हर दिन हजारों लोग सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर जा रहे हैं। मिस्र ने आगाह किया है कि सीमा पर इजराइली सैनिकों की तैनाती से दोनों देशों के बीच चार दशक पहले हुआ शांति समझौता खतरे में पड़ जाएगा। मिस्र को डर है कि लड़ाई के रफाह क्षेत्र तक फैलने से भयभीत फलस्तीनी नागरिक सीमा पार करके मिस्र में दाखिल हो सकते हैं।
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ब्लिंकन ने मंगलवार को मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी से मुलाकात की। वह कहते रहे हैं कि कि फलस्तीनियों को गाजा से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए। ब्लिंकन अपनी इस यात्रा के दौरान संघर्षविराम समझौते, इजराइल और सऊदी अरब के बीच संबंधों को सामान्य बनाने और क्षेत्रीय लड़ाई को बढ़ने से रोकने पर जोर दे रहे हैं। हालांकि तीनों मुद्दों पर ब्लिंकन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
हमास और इजराइल संभावित संघर्षविराम के लिए तैयार नहीं हैं। इजराइल ने फलस्तीनियों के लिए देश बनाने के अमेरिका के आह्वान को खारिज कर दिया है और क्षेत्र में ईरान के सहयोगी चरमपंथियों की तरफ से अमेरिकी हमलों से डरने का कोई बहुत अधिक संकेत नहीं दिखा है।