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ब्रिटेन में बर्बरता से हत्या पर मिलेगी उम्रकैद, PM ऋषि सुनक ने बताया जीवन का अर्थ

यह कदम ऐसे वक्त उठाया जा रहा है, जब कुछ दिन पहले उत्तरी इंग्लैंड के एक अस्पताल में सात नवजात शिशुओं की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद नर्स लुसी लेटबी को उम्रकैद की सजा दी गई थी

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भाषा   
Last Updated- August 27, 2023 | 6:16 PM IST

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की योजना देश में सख्त नए कानून लाने की है, जिसका मतलब होगा कि जघन्य हत्याओं के दोषियों को जीवन भर जेल में रहना पड़ेगा। ऐसे मामलों में दोषियों को पेरोल पर, या जल्द रिहा करने पर विचार किए जाने की कोई संभावना नहीं होगी।

सुनक (43) ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ‘जीवन का अर्थ जीवन है’ और न्यायाधीशों को सबसे बर्बर प्रकार की हत्या करने वाले अपराधियों को अनिवार्य उम्रकैद का आदेश देने की आवश्यकता होगी। नया कानून कुछ सीमित परिस्थितियों को छोड़कर, न्यायाधीशों से उम्रकैद का आदेश देने की कानूनी अपेक्षा रखेगा।

सुनक ने कहा, ‘मैंने हाल में सामने आए अपराधों की क्रूरता पर जनता के भय को साझा किया है। लोग सही ही अपेक्षा करते हैं कि सबसे गंभीर मामलों में, इस बात की गारंटी होनी चाहिए कि जीवन का अर्थ जीवन होगा। वे सजा दिए जाने में ईमानदारी की उम्मीद करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सबसे वीभत्स प्रकार की हत्याएं करने वाले जघन्य अपराधियों के लिए उम्रकैद का अनिवार्य आदेश लाकर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे कभी आजाद न हों।’

इंग्लैंड के एक अस्पताल में हुई थी सात नवजात शिशुओं की हत्या

यह कदम ऐसे वक्त उठाया जा रहा है, जब कुछ दिन पहले उत्तरी इंग्लैंड के एक अस्पताल में सात नवजात शिशुओं की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद नर्स लुसी लेटबी को उम्रकैद की सजा दी गई थी। ब्रिटेन के वैधानिक प्रावधान मृत्युदंड की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए सबसे कड़ी सजा के रूप में उम्रकैद का प्रावधान है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ ने कहा कि वह घोषित परिवर्तनों के लिए उचित समय पर कानून बनाएगी।

ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद अगले महीने संसद का सत्र शुरू होगा। ब्रिटेन के न्याय मंत्री एलेक्स चाक ने कहा, ‘जहां हत्या में यौन या परपीड़क व्यवहार शामिल हो, वहां अब हत्यारों के लिए उम्रकैद की उम्मीद की जाएगी। यह महत्वपूर्ण कानून परिवर्तन यह सुनिश्चित करेगा कि सबसे बुरे लोग अब अपना शेष जीवन जेल में बिताएंगे।’

First Published : August 27, 2023 | 6:16 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)