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चीन ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट में की अनुमान से अधिक कटौती, इस वजह से बैंक ऑफ चाइना ने लिया फैसला

चीन की अर्थव्यवस्था कई तरह की विपरीत परिस्थितियों से जूझ रही है और अधिकारी आर्थिक विकास को गति देने के लिए महीनों से संघर्ष कर रहे हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 20, 2024 | 9:17 AM IST

आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए चीन के केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को बेंचमार्क लेंडिंग रेट में कटौती की। बैंक ऑफ चाइना ने जून के बाद पहली बार दरों में कटौती का ऐलान किया है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने पांच साल के लोन का प्राइम रेट (LPR) 4.2% से घटाकर 3.95% कर दिया, जबकि एक साल की एलपीआर, जो कॉर्पोरेट ऋण के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है, को 3.45% पर अपरिवर्तित रखा गया था।

पांच साल की एलपीआर में आखिरी बार जून में कटौती की गई थी, जबकि एक साल की दर में आखिरी बार अगस्त में कटौती की गई थी। दोनों दरें अब ऐतिहासिक निचले स्तर पर हैं।

2019 में आया था LPR

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार एलपीआर को 2019 में लाया गया था और तब से इसमें यह सबसे बड़ी कटौती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह कटौती अनुमान से भी अधिक है। चीन का यह फैसला बाकी दूसरे अहम देशों के विपरीत हैं जहां इनफ्लेशन से लड़ाई में दरों में कटौती की गई है।

गौरतलब है कि पिछले महीने, बीजिंग ने घोषणा की थी कि वह बैंकों द्वारा रिजर्व में रखी जाने वाली राशि में कटौती करेगा, जिसे रिजर्व आवश्यकता अनुपात (आरआरआर) के रूप में जाना जाता है।

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विपरीत परिस्थितियों से जूझ रही चीन की अर्थव्यवस्था

चीन की अर्थव्यवस्था कई तरह की विपरीत परिस्थितियों से जूझ रही है और अधिकारी आर्थिक विकास को गति देने के लिए महीनों से संघर्ष कर रहे हैं। एशियाई देश लंबे समय से संपत्ति-क्षेत्र संकट, बढ़ती युवा बेरोजगारी और वैश्विक मंदी का सामना कर रहा है, जिससे चीनी वस्तुओं की मांग में कमी आई है।

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चीन के केंद्रीय बैंक के ऋण दर में कटौती के कदम का उद्देश्य वाणिज्यिक बैंकों को अधिक ऋण और अधिक लाभप्रद दरों पर अनुदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, यह अधिकांश अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बिल्कुल विपरीत है, जो मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए दरें बढ़ा रही हैं।

जनवरी में, उपभोक्ता कीमतें 14 वर्षों से अधिक समय में सबसे तेज दर से गिर गईं, जिससे सरकार पर देश की जर्जर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए और अधिक आक्रामक कदम उठाने का दबाव बढ़ गया।

 

First Published : February 20, 2024 | 9:17 AM IST