अमेरिकी हाउसिंग में गिरावट का रुख

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:44 PM IST

अमेरिकी मंदी का असर वहां के हाउसिंग क्षेत्र पर नजर आने लगा है।


गत मार्च महीने में निर्माण में कमी के कारण इस क्षेत्र में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। और यह 17 साल के अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया। माना जा रहा है कि हाउसिंग क्षेत्र में इस गिरावट से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस ब ात का खुलासा वहां के अर्थजगत के जानकारों ने किया है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक रिहायशी मकानों के निर्माण में 5.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है।


अमेरिका में मकान के  सालाना निर्माण की दर 1.01 मिलियन है। इसके अलावा मार्च महीने में अमेरिका के उपभोक्ता मूल्यों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गयी। प्रॉपर्टी बाजार में छायी नरमी के कारण इसकी कीमत में कमी आ गयी है। मकानों की बिक्री में तेजी नहीं होने के कारण खरीदारों को इन दिनों अपने विकल्पों को चुनने का पूरा मौका मिल रहा है। महंगाई दर में बढ़ोतरी के कारण वहां के फेडरल बैंक को फिर से ब्याज दरों में कटौती करना पड़ सकता है।


जानकारों के मुताबिक अमेरिका में निर्माण के कामों मे ं लगातार गिरावट हो रही है। गत दिसंबर महीने में निर्माण के क्षेत्र में 10 लाख की गिरावट देखी गयी। जो 1991 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। श्रम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में जीवनयापन की लागत में गत मार्च महीने के दौरान 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।


सर्वे के मुताबिक फरवरी महीने के मुकाबले में इसमें कोई अंतर नहीं दर्ज किया गया। खाद्य पदार्थ व ऊर्जा को छोड़ दे तो कुल खर्च में 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। रिपोर्ट में कहा गया है कि गत मार्च महीने में अमेरिकी फैक्ट्री व खान के उत्पादन में 0.5 फीसदी की कमी आयी है। गत फरवरी महीने में यह गिरावट 0.5 फीसदी के स्तर पर थी।


जानकारों का अनुमान है कि इस साल हाउसिंग क्षेत्र में 30 फीसदी तक की गिरावट हो सकती है। पहले इस गिरावट के लिए 27 फीसदी का अनुमान लगाया गया था। अर्थ विशेषज्ञों का कहना है कि अब यह साफ हो गया है कि देश  हल्की मंदी के दौर में प्रवेश कर चुका है। प्रॉपर्टी के दामों में गिरावट व गिरवी को समायोजित करने की योजना के कारण बहुत सारे अमेरिकन अपने-अपने घरों को छोड़ रहे हैं।  बताया जा रहा है कि निर्माण के क्षेत्र में गिरावट के लिए नौकरी में होने वाली भारी कटौती है।

First Published : April 16, 2008 | 11:56 PM IST