खारकीव तुरंत छोड़ दें: दूतावास

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:58 PM IST

युद्ध से प्रभावित यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से बुधवार को कहा कि अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वे तुरंत खारकीव छोड़ दें और कोई साधन न निकलने पर पैदल ही वहां से निकल लें। दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिक खारकीव से जल्द से जल्द निकलकर पेसोचिन, बाबाए और बेजलीयुदोव्का पहुंचें जो इसके करीब 16 किलोमीटर के दायरे में है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नागरिकों से खारकीव छोडऩे को कहा है। वहां पंजाब के एक छात्र की ह्दयगति रुकने से मौत हो गई जिसकी वजह से उसकी बढ़ी चिंता हो सकती है और इसके लिए उनका पहले से ही इलाज चल रहा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘यूक्रेन छोड़कर जाने वाले भारतीयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। अब हम अनुमान लगाते हैं कि हमारी चेतावनी जारी होने के बाद से लगभग 17,000 भारतीय नागरिकों ने यूक्रेन की सीमाओं को छोड़ दिया है।’ उन्होंने कहा कि रूस ने युद्ध में फंसे भारतीयों को सुरक्षित मार्ग से निकालने का वादा किया था। आशंका है कि अब भी लगभग 2,500 भारतीय छात्र शहर में फंसे हुए हैं। इन सबके बीच एक केंद्रीय मंत्री ने उन लोगों की योग्यता के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की जो मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं। इस विवादास्पद बयान में उन्होंने कहा कि विदेश में पढ़ाई करने वाले लोगों में देश में मेडिकल शिक्षा की योग्यता रखने लायक बौद्धिक क्षमता नहीं होती है। इस बयान को लेकर व्यापक आक्रोश दिखा।
रूस ने भी खारकीव में गोलाबारी में नवीन ज्ञानगौदर की हत्या पर खेद व्यक्त किया और रूसी राजदूत (नामित) डेनिस अलीपोव ने वादा किया कि भारतीय छात्र की मौत की जांच की जाएगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से विपक्ष ने खासी नाराजगी दिखाई जब उन्होंने कहा कि वैसे ही भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं जिनमें भारत में डॉक्टर बनने की पर्याप्त योग्यता नहीं थी। ज्ञानगौदर के पिता ने पूरी गरिमा से इस बात का जवाब देते हुए कहा कि उनका बेटा यूक्रेन में इसलिए पढऩे के लिए गया था क्योंकि बहुत उच्च ग्रेड पाने के बावजूद भारत में मेडिकल की पढ़ाई बहुत महंगी थी। उन्होंने कहा कि नवीन को यूक्रेन भेजने में उनके पूरे परिवार ने योगदान दिया था ताकि वह डॉक्टर बन सकें। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने कहा कि हम लोग अमीर नहीं हैं लेकिन मेरा बेटा प्रतिभाशाली था और हमने सोचा कि उसे एक मौका मिलना चाहिए।’
जोशी की इस टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं ने निशाना साधा। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा, ‘मोदी सरकार की विफलताओं और जनसंपर्क की कवायद के साथ मंत्री प्रह्लाद जोशी का यह बयान चौंकाने वाला, असंवेदनशील बयान है। नमो का एकमात्र मंत्र है, नाटो ‘नो एक्शन तमाशा ओनली’ है!’

1,200 भारतीयों को ला रहे
युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकलकर रोमानिया पहुंचे 1,200 से अधिक भारतीय छात्रों को बुधवार को बुखारेस्ट से छह उड़ानों के जरिये स्वदेश वापस लाया जाएगा। भारत यूक्रेन से सटे रोमानिया, हंगरी और पोलैंड जैसे देशों से विशेष उड़ानों के जरिये भारतीय नागरिकों को वापस लाने में जुटा है।
बुखारेस्ट में मौजूद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उन्होंने बुधवार को रोमानिया के प्रधानमंत्री निकोले सिउका से मुलाकात की और यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी सुनिश्चित करने के वास्ते रोमानिया में प्रवेश देने के लिए उनकी सरकार का आभार जताया।
सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि रोमानिया के प्रधानमंत्री ने सीमा पार करके आने वाले भारतीय छात्रों की हरसंभव मदद जारी रखने का आश्वासन दिया है। सिंधिया ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘हम आज बुखारेस्ट, रोमानिया से छह उड़ानों के जरिये 1,200 भारतीय छात्रों को वापस भारत ला रहे हैं।’ उन्होंने भारतीयों के निकासी अभियान में सरकार के साथ मिलकर काम करने को लेकर एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो का आभार जताया।
तानाशाह हमले की कीमत चुकाएंगे: बाइडन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ पूर्व नियोजित और बिना उकसावे वाला युद्ध छेडऩे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुतिन जैसे तानाशाह दूसरे देश पर आक्रमण की कीमत चुकाएंगे। यूक्रेन में लगातार खतरनाक होते जा रहे संघर्ष की वजह से बाइडन ने रूसी आक्रामकता के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने महामारी के बीच बढ़ती महंगाई से परेशान अमेरिकियों को आश्वस्त करने की कोशिश भी की। बाइडन ने कहा कि यूक्रेन लोकतंत्रों और निरंकुश शासनों के बीच वैश्विक संघर्ष के मुहाने पर खड़ा है और लोकतंत्र ही कायम रहेगा।  

वित्तीय प्रतिबंधों में शामिल नहीं होंगे: चीन
चीन के बैंक नियामक ने बुधवार को कहा कि चीन रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के अमेरिका और यूरोपीय सरकारों के कदम में शामिल नहीं होगा। चीन रूसी तेल और गैस का एक प्रमुख खरीदार है तथा उसने यूक्रेन पर मॉस्को के हमले की आलोचना करने से परहेज किया है। चीनी बैंकिंग और बीमा नियामक आयोग के अध्यक्ष गुओ शुकिंग ने कहा कि पेइचिंग प्रतिबंधों का विरोध करता है।

ब्रिटेन के और प्रतिबंध
ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाए हैं तथा उसने यूक्रेन पर रूसी हमले में भूमिका को लेकर बेलारूस के खिलाफ भी दंडात्मक कारवाई की है। मॉस्को के खिलाफ नए प्रतिबंधों में ब्रिटेन ने रूस के जहाजों को अपने बंदरगाहों पर प्रतिबंधित कर दिया है।     भाषा

First Published : March 2, 2022 | 11:16 PM IST