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खेती से जुड़े लोगों के लिए यूरोपीय देश मोल्दोवा में खुलेगा अवसरों का खजाना

भारत और मोल्दोवा कृषि क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे, जिसमें ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप (जेडब्ल्यूजी) के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) किया जाएगा

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 03, 2024 | 5:01 PM IST

भारत और मोल्दोवा कृषि क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे, जिसमें ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप (जेडब्ल्यूजी) के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) किया जाएगा और दोनों देश कृषि क्षेत्र के विभिन्न पहलूओं जैसे तिलहन और दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करना,फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना, डिजिटल कृषि मिशन को आगे बढ़ाना, किसानों को सेवा वितरण में सुधार, मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर आपसी सहयोग करेंगे। इसे लेकर भारत में मोल्दोवा गणराज्य की राजदूत सुश्री एना तबान ने नई दिल्ली में कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ.देवेश चतुर्वेदी से भेंट की।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव ने भारत और मोल्दोवा के बीच सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर जोर देते हुए कृषि क्षेत्र में भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला,जिसमें तिलहन और दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना, डिजिटल कृषि मिशन को आगे बढ़ाना और किसानों को सेवा वितरण में सुधार के लिए नीतियों को लागू करना शामिल है। उन्होंने रोगमुक्त बागवानी रोपण सामग्री तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ पौध कार्यक्रम की स्थापना के साथ-साथ स्थिरता को बढ़ाने के उद्देश्य से प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन के बारे में भी बात की।

मोल्दोवा गणराज्य की राजदूत एना तबान ने मोल्दोवा के कृषि क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का उल्लेख किया। एना तबान ने मोल्दोवा के कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के मजबूत नेटवर्क के बारे में बताते हुए व्यापार के लिए संभावित बाजार अवसरों को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण सचिव के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की स्थापना के अनुमोदन की स्थिति और मोल्दोवा एप्पल की बाजार पहुंच के बारे में भी चर्चा की। एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए, कृषि एवं किसान कल्याण के संयुक्त सचिव (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) ने भारत और मोल्दोवा के बीच कृषि क्षेत्र में जानकारी साझा करने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कृषि विश्वविद्यालयों के साथ अनुसंधान एवं विकास सहयोग और कृषि उपकरणों में व्यापार के अवसरों की संभावनाओं पर जोर दिया।

First Published : December 3, 2024 | 5:01 PM IST