एफटीएसई ने भारत को निगरानी सूची में रखा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:31 AM IST

वैश्विक बॉन्ड इंडेक्स में अपने बॉन्ड को शामिल करने की भारत की कोशिश जल्द कामयाब हो सकती है क्योंकि एफटीएसई रसेल ने अपने एफटीएसई इमर्जिंग गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स में संभावित तौर पर शामिल करने के लिए भारत व सऊदी अरब सरकार के बॉन्ड बाजारों को अपनी निगरानी सूची में डाल दिया है।
एफटीएसई रसेल की अर्धवार्षिक वर्गीकरण समीक्षा सोमवार को जारी हुई, जिसमेंं कहा गया है कि भारतीय व सऊदी अरब के बॉन्ड के मार्केट एक्सेसेबलिटी लेवल को दोबारा वर्गीकृत कर शून्य से एक करने पर विचार किया जाएगा।
एफटीएसई ने कहा कि वैश्विक इंडेक्स का इस्तेमाल करने वालों ने भारत सरकार की प्रतिभूतियों में दिलचस्पी दिखाई है। साथ ही यह भी कहा कि वह जल्द ही अपने एफटीएसई इंडियन गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स शुरू करेगा, जो आगामी हफ्तों में इन प्रतिभूतियों को ट्रैक करेगा। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कई बॉन्डों को शामिल किया है, जो एफएआर रूट के पात्र होंगे, जहां विदेशी निवेशक बिना किसी सीमा के निवेश कर सकते हैं। सरकार ने सबसे पहले वित्त वर्ष 2020-21 के बजट मे इसे अधिसूचित किया था और केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में इस सूची के लिए पांच प्रतिभूतियों को इसका पात्र बताया था। कुल मिलाकर इनका कुल बकाया 4.2 लाख करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2020-21 से 5 वर्षीय, 10 वर्षीय और 30 वर्षीय नई सरकारी प्रतिभूतियां विशेषीकृत प्रतिभूतियों हैं, जहां विदेशी निवेशक बिना किसी सीमा के प्रवासी के साथ पूरा निवेश कर सकते हैं।
तकनीकी रूप से ये प्रतिभूतियां देसी बाजार में एफपीआई निवेश की सीमा से ऊपर हैं। अप्रैल में आरबीआई ने कॉरपोरेट बॉन्ड में एफपीआई की सीमा 2020-21 के लिए 9 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी थी। हालांकि सरकारी प्रतिभूतियों मेंं कुल एफपीआई सीमा 6 फीसदी पर अपरिवर्तित है।
अगर बॉन्डों को वैश्विक बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में बड़ी रकम का निवेश कर सकते हैं कि प्रतिफल की पेशकश ज्यादा है और स्थिर सरकार व मजबूत पुनर्भुगतान का ट्रैक रिकॉर्ड है।
बैंक ऑफ अमेरिका के ट्रेजरी प्रमुख (भारत) जयेश मेहता ने कहा, यह स्वागतयोग्य कदम है। अगर एफटीएसई इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल किया जाता है तो अन्य मशहूर सूचकांक भी भारत को उसमें शामिल करने के लिए उत्साहित होंगे और यह भारतीय बॉन्ड में एफआईआई को खासा आकर्षित करेगा।

First Published : March 30, 2021 | 11:36 PM IST