अंतरराष्ट्रीय

भारत को ‘प्रयोगशाला’ बताने पर घिरे गेट्स

पॉडकास्टर रीड हॉफमैन के पॉडकास्ट में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज गेट्स ने यह कहकर चौंका दिया था कि 'भारत कुछ भी आजमाने के लिए प्रयोगशाला' है।

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नंदिनी सिंह   
Last Updated- December 03, 2024 | 11:07 PM IST

एक पॉडकास्ट में माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। विशेष कर भारतीय टिप्पणीकार उन पर भड़के हुए हैं। हाल ही में इंटरनेट उद्यमी, पूंजीपति और पॉडकास्टर रीड हॉफमैन के पॉडकास्ट में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज गेट्स ने यह कहकर चौंका दिया था कि ‘भारत कुछ भी आजमाने के लिए प्रयोगशाला’ है। अपनी टिप्पणियों से गेट्स का इरादा दरअसल वैश्विक विकास यात्रा में भारत की भूमिका को रेखांकित करना था, लेकिन इन्होंने सोशल मीडिया पर बवंडर खड़ा कर दिया और लोगों ने उन्हें शब्दों के चयन को लेकर आड़े हाथ लिया।

पॉडकास्ट के दौरान बिल गेट्स ने कहा, ‘भारत एक ऐसा उदाहरण है, जहां कई चीजें बहुत मुश्किल होती हैं। स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हो रहा है। यहां काफी स्थायित्व दिखता है और सरकार अपने दम पर पर्याप्त राजस्व जुटा रही है। अगले 20 वर्षों में यहां के लोग चमत्कारिक रूप से बेहतर स्थिति में होंगे। भारत इस समय चीजों को आजमाने वाली प्रयोगशाला की तरह है। यहां गुणवत्ता के स्तर पर माप-तौल कर दुनिया के दूसरे हिस्सों में ले जा सकते हैं।’ पॉडकास्ट में उन्होंने बिल और मेलिंडा गेट्स के भारत में काम कर रहे फाउंडेशन की भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका के बाहर उनके फाउंडेशन के सबसे बड़े कार्यालय भारत में ही हैं और उनकी संस्था की कई पहलों को शुरू करने में भारत की अहम भूमिका है।

गेट्स ने कहा, ‘दुनिया भर में उनकी पायलट परियोजनाओं में अधिकांश भारत के साझेदारों के साथ आगे बढ़ रही हैं।’ भारत को ‘चीजों को आजमाने की प्रयोगशाला’ कहने से व्यापक स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। टिप्पणीकार गेट्स पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की प्रयोगशाला होने तक सीमित कर दिया है।
एक्स पर एक टिप्पणीकार ने कहा, ‘बिल गेट्स के लिए भारत एक प्रयोगशाला है और हम भारतीय उनकी नजर में गिनी सुअर से ज्यादा कुछ नहीं। इस व्यक्ति ने सरकार से लेकर विपक्ष और मीडिया तक सभी को साध लिया है। उनका कार्यालय बिना एफसीआरए संचालित हो रहा है और हमारी शिक्षा प्रणाली ने उन्हें हीरो बना दिया है। मुझे नहीं पता, हम कब जागेंगे?’

एक और व्यक्ति ने गेट्स के बयान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘बिल गेट्स की चीजों को आजमाने की प्रयोगशाला में भारतीय लोग केवल नमूने के तौर पर देखे जाते हैं। जब चीजें प्रभावी साबित हो जाती हैं तो उन्हें अमेरिका ले जाया जाता है।’ कई लोगों ने गेट्स का बचाव भी किया है। उन्होंने कहा कि गेट्स के शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया। एक यूजर ने कहा, ‘मैं भारत में बिल गेट्स के खिलाफ षड‌यंत्रकारी रवैये को समझ नहीं पा रहा हूं। भारत में वैक्सीन के लिए गिनी सुअर की तर्ज पर कोई प्रयोग नहीं हो रहा है।’ हाल ही में बिल गेट्स ने एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कुपोषण से लड़ने की भारत की प्रतिबद्धता की काफी तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, ‘अपने आय के स्तर के अनुसार भारत इस बात को स्वीकार करता है कि पोषण के कुछ संकेतक उसकी अपेक्षा से कमहोर हैं। यह स्पस्टवादिता काफी प्रभावशाली है और वह कुपोषण से निपटने के लिए भारत को ए ग्रेड देंगे।’

First Published : December 3, 2024 | 11:06 PM IST