अंतरराष्ट्रीय

जर्मनी ने रूस से हफ्ते भर के लिए अपना राजदूत वापस बुलाया

यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस और पश्चिम के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं।

Published by
भाषा   
Last Updated- May 06, 2024 | 8:26 PM IST

जर्मनी ने सोमवार को कहा कि वह देश के चांसलर ओलाफ शोल्ज की पार्टी पर हुए कथित साइबर हमले के बाद रूस में अपने राजदूत को सलाह मशविरे के वास्ते एक हफ्ते के लिए बर्लिन बुला रहा है। जर्मनी ने पिछले हफ्ते रूस के सैन्य एजेंट पर शोल्ज की सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी एवं अन्य संवेदनशील सरकारी औद्योगिक इकाइयों पर साइबर हमला करने का आरोप लगाया था।

जर्मनी यह चेतावनी देने में नाटो और अन्य यूरोपीय देशों के साथ शामिल हो गया है कि रूस को साइबर जासूसी के परिणाम भुगतने होंगे। बर्लिन में विदेश कार्यालय ने सोमवार को कहा कि सरकार नयी घटना को ‘गंभीरता’ से रही है और विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने जर्मनी के राजदूत एक्लेजेंडर लैम्ब्सडॉर्फ को वापस बुलाने का फैसला किया है।

कार्यालय ने कहा कि वह एक हफ्ते के बाद रूस लौटेंगे। बेयरबॉक ने कहा कि रूस के साइबर एजेंट सत्तारूढ़ गठबंधन की प्रमुख पार्टी सोशल डेमोक्रट्स के ईमेल हैक करने में शामिल थे। जर्मन के गृह मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था कि हैकिंग अभियान रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के एक महीने बाद मार्च 2022 की शुरुआत में आरंभ हुआ था।

मंत्रालय ने कहा कि साइबर हमले रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों सहित अन्य जर्मन कंपनियों के साथ-साथ यूक्रेन में युद्ध से संबंधित इकाइयों पर केंद्रित थे। यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस और पश्चिम के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। जर्मनी मौजूदा जंग में यूक्रेन को सैन्य सहायता उपलब्ध करा रहा है।

कोपेनहेगन में फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो ने कहा कि यूरोप के कुछ लोगों को अब भी लगता है कि युद्ध केवल यूक्रेन में हो रहा है, लेकिन “अभी हम रूस की अधिक आक्रामकता देख रहे हैं।” ओर्पो ने डेनमार्क की समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ मुलाकात के बाद कहा, “ हम शायद अलग-अलग क्षेत्रों में ‘हाइब्रिड’ हमलों का सामना कर रहे हैं। यह अहम अवसंरचना भी हो सकता है।”

उन्होंने कहा, ‘‘रूस जो कर रहा है और जिसकी योजना बना रहा है, वह स्वीकार्य नहीं है। रूस हमारे समाज को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी साधन का इस्तेमाल करने को तैयार है।”

First Published : May 6, 2024 | 8:26 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)