अल्टिना शिनासी (Altina Schinasi) का बर्थडे आज गूगल अपने डूडल के माध्यम से सेलिब्रेट कर रहा है। 4 अगस्त, 1907 यानी आज से 116 साल पहले अमेरिका के मैनहैट्टन शहर में जन्मी अल्टिना की चश्मा वाली कलाकारी ने दुनियाभर में उन्हें प्रसिद्ध कर दिया। अल्टिना शिनासी कोई साधारण महिला नहीं थी, वह अपनी कलाकारी, डिजाइनिंग के लिए काफी फेमस थीं। उनका जीवन काफी शानदार था। उन्होंने न केवल कलाकारी और डिजाइनिंग में हाथ आजमाया बल्कि वह फिल्म से लेकर उद्यमिता (entrepreneurship) तक अपने नाम का लोहा मनवाती रहीं।
आज का डूडल अमेरिकी कलाकार अल्टीना शिनासी की कलाकारी का जश्न मना रहा है। दरसअल शिनासी को ‘हार्लेक्विन आईग्लाश’ फ्रेम डिजाइन करने के लिए जाना जाता है। जिसे आज लोग ‘कैट-आई’ ग्लासेज के नाम से जानते हैं। शिनासी ने अपने पूरे करियर में कई अन्य आविष्कारों का भी पेटेंट कराया और कई डॉक्यूमेंट्रीज बनाई।
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मैनहट्टन में पैदा हुई और कैट-आई ग्लासेज को बनाने के मामले में मकबूलियत हासिल करने वाली शिनासी के माता-पिता अमेरिका के मूल निवासी नहीं थे। शिनासी का जन्म न्यूयॉर्क में अप्रवासी पैरेंट्स के यहां हुआ। उनकी मां सैलोनिका (Salonica) की मूल निवासी थीं और उनके पिता सेफर्डिक यहूदी तुर्क (Sephardic Jewish Turk) थे। ग्रेजुएशन करने के बाद, शिनासी ने पेरिस में पेंटिंग की पढ़ाई की, जिससे कला के प्रति उनकी मकबूलियत और बढ़ गई। एक बार अमेरिका वापस आकर, उन्होंने न्यूयॉर्क में द आर्ट स्टूडेंट्स लीग (The Art Students League) में ऑर्ट की पढ़ाई की और Fifth Avenue पर कई दुकानों के लिए विंडो ड्रेसर के रूप में नौकरी की। इस दौरान, उन्हें उनके साथ काम करने का मौका मिला, जिसकी वह प्रशंसा करती रहीं थी। वह थे साल्वाडोर डाल (Salvador Dal) और जॉर्ज ग्रॉज (George Grosz) जैसे प्रमुख कलाकार।
विन्डो डिस्प्ले डिजाइनिंग के दौरान ही शिनासी के मन में अपने अब के प्रसिद्ध ‘कैट-आई’ फ्रेम को बनाने का विचार आया। पास के एक ऑप्टिशियन की ऑफिस की खिड़की पर उन्होंने देखा कि महिलाओं के चश्मे का एकमात्र ऑप्शन साधारण डिजाइन वाले गोल फ्रेम होते हैं। यह देखने के बाद शिनासी को लगा कि महिलाओं के लिए इससे हटकर अलग डिजाइन वाला फ्रेम बनाना चाहिए, जिसमें उन्होंने हार्लेक्विन मास्क के शेप की नकल की, जिसे उन्होंने कार्नेवेल प्रोग्राम के दौरान वेनिस, इटली में लोगों को पहने हुए देखा था। उन्हें नुकीले किनारों चेहरे पर अच्छे लगे और अपने इनोवेटिव फ्रेम डिजाइन के डेमो को पेपर से काटना शुरू किया।
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शिनासी ने अपनी इस अलग तरह की डिजाइन के साथ सभी फ्रेम मैन्युफैक्चरर्स से कॉन्टैक्ट किया लेकिन किसी ने उनकी इस डिजाइन को स्वीकार नहीं किया और कहा कि उसका डिजाइन बहुत मॉडर्न है। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी किस्मत तब चमकी जब एक लोकल दुकान के मालिक ने उनके इस विजन पर भरोसा जताया और छह महीने के लिए एक विशेष डिजाइन की मांग की। मजेदार बात यह हुई कि हार्लेक्विन चश्मा जल्द ही सक्सेज हो गया और शिनासी को फेम मिलने लगा।
अपने पूरे जीवनकाल में, अल्टिना शिनासी के कला और फिल्म में योगदान का जश्न मनाया गया। 1930 के दशक के अंत और 1940 के दशक तक, हार्लेक्विन चश्मा अमेरिका में महिलाओं के बीच एक जबरदस्त फैशन एक्सेसरी बन गया। शिनासी को उनके इनोवेशन के लिए 1939 में लॉर्ड ऐंड टेलर अमेरिकन डिजाइन अवार्ड (Lord & Taylor American Design Award ) से सम्मानित किया गया था, और वोग (Vogue) और लाइफ (Life) सहित प्रमुख पत्रिकाओं में उनको एक नई पहचाच मिली।
अपने ऑर्ट में अलग नाम बना चुकी अल्टिना एक फिल्म निर्माता के रूप में असाधारण काम किया। 1960 में, उन्होंने प्रसिद्ध कलाकार और अपने पूर्व शिक्षक जॉर्ज ग्रॉज (George Grosz ) के बारे में जॉर्ज ग्रोज इंटररेग्नम (George Grosz’ Interregnum) टाइटल से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई। इसे सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के लिए अकादमी पुरस्कार (Academy Award ) के लिए नॉमिनेशन मिला वेनिस फिल्म महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके बाद अल्टिना सिनेमा जगत में भी अपने काम से जानी जाने लगीं।
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अपने बाद के वर्षों में, शिनासी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपना संस्मरण The Road I Have Traveled साल 1995 में लिखा और पब्लिश किया।