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गुरपतवंत सिंह पन्नू केस: खालिस्तानी आतंकी की हत्या की साजिश में भारतीय संदिग्ध को भेजा गया अमेरिका, आज होगी पेशी

नवंबर में, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि एक भारतीय सरकारी अधिकारी ने पन्नू की हत्या की कोशिश में साजिश रचा था, जो अमेरिकी और कनाडाई नागरिक हैं।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- June 17, 2024 | 8:36 AM IST

Gurpatwant Singh Pannun Case: अमेरिका में सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश रचने में शामिल भारतीय निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका भेजा गया है। फेडरल ब्यूरो ऑफ प्रिजन्स की वेबसाइट और मामले से परिचित एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया, निखिल गुप्ता पर अमेरिकी संघीय अभियोजकों (U.S. federal prosecutors) द्वारा गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि पन्नू अमेरिका का निवासी और उत्तरी भारत में खालिस्तान की मांग करने वाला व्यक्ति है।

निखिल गुप्ता अमेरिका की हिरासत में

52 वर्षीय निखिल गुप्ता आज न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में पेश किए जाएंगे। गौरतलब है कि निखिल गुत्ता पिछले साल जून में भारत से प्राग (Prague) गए थे और चेक गणराज्य अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए थे। पिछले महीने, चेक की कोर्ट ने अमेरिका भेजे जाने से बचाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया। ऐसे में चेक के न्याय मंत्री के लिए उन्हें अमेरिका को प्रत्यर्पित (extradite) करने का रास्ता साफ हो गया।

ब्यूरो ऑफ प्रिजन्स की वेबसाइट के मुताबिक, निखिल गुप्ता ब्रुकलिन में मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर (एक फेडरल एडमिनिस्ट्रिव डिटेंसन फैसिलिटी ) में हिरासत में रखे गए हैं। मामले से परिचित एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण हो गया है और वे ब्रुकलिन में हिरासत में हैं।

भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों का दिखेगा असर

अमेरिका और कनाडा में सिख अलगाववादियों के खिलाफ कथित रूप से हत्या की साजिशों का पता लगने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत के संबंध भी सामने आएंगे। पश्चिमी देशों की तरफ चीन के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के खिलाफ भारत को एक महत्वपूर्ण साथी के रूप में देखा जाता है। भारत सरकार इन साजिशों में शामिल होने से इनकार करती है।

कनाडा ने लगाया था आरोप

कनाडा ने सितंबर में कहा कि उसके खुफिया एजेंसियां जून 2023 में कनाडा में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से भारत सरकार को जोड़ने वाले आरोपों की जांच कर रही हैं। नवंबर में, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि एक भारतीय सरकारी अधिकारी ने पन्नू की हत्या की कोशिश में साजिश रचा था, जो अमेरिकी और कनाडाई नागरिक हैं। निखिल गुप्ता पर भी उस साजिश में शामिल होने का आरोप है।

पन्नू ने दिया बयान, भारत ने क्या कहा

पन्नू ने रविवार को रायटर्स को बताया कि प्रत्यर्पण एक स्वागत योग्य कदम है, ‘निखिल गुप्ता केवल एक फुट सोल्जर हैं।’ पन्नू ने आरोप लगाया कि गुप्ता को नियुक्त करने वाले भारत सरकार के सीनियर मेंबर थे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर काम करते हैं।

भारत सरकार ने पन्नू के खिलाफ यह कहते हुए साजिश से खुद को अलग कर लिया है कि यह सरकारी नीति के खिलाफ था। भारत ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा उठाई गई सुरक्षा चिंताओं की औपचारिक रूप से जांच करेगा।

भारत ने लंबे समय से भारत के बाहर सिख अलगाववादी समूहों को सुरक्षा खतरे के रूप में देखा है। ये समूह खालिस्तान आंदोलन, या भारत से एक स्वतंत्र सिख राज्य की मांग कर रहे हैं। पिछले महीने, अमेरिका ने कहा कि वह भारत के अब तक के कदमों से संतुष्ट है, लेकिन यह भी जोड़ा कि अभी कई कदम उठाए जाने बाकी हैं।

सुप्रीम कोर्ट में क्या दी गई दलील

द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, निखिल गुप्ता की वकील रोहिणी मूसा ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका में लिखा कि उनके क्लाइंट पर गलत तरीके से मुकदमा चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘याचिकाकर्ता को कथित पीड़ित की हत्या की व्यापक कथित साजिश से जोड़ने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है।’

रिपोर्ट के मुताबिक, मूसा ने शिकायत की कि गुप्ता को हिरासत के शुरुआती चरण के दौरान अमेरिकी एजेंसियों के अनुचित प्रभाव के तहत चेक सरकार द्वारा नियुक्त वकील से सही कानूनी सलाह नहीं मिली। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका अपनी-अपनी विदेश नीतियों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे थे।

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू

गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका का निवासी है। उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और मौजूदा समय अमेरिका में कानून की प्रैक्टिस करता है और सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का कानूनी सलाहकार भी है। SFJ खालिस्तान की मांग करने वाला समूह है। बता दें कि भारत के गृह मंत्रालय ने 2019 में SFJ पर प्रतिबंध लगा दिया और एक साल बाद पन्नू को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया था।

पन्नू अमेरिका के अलावा, कनाडा और ब्रिटेन में भी अपने संगठन के जरिये भारत विरोधी कामों में शामिल रहता है और खालिस्तान की मांग करके अशांति फैलाने जैसी घटनाओं में लिप्त रहता है।

First Published : June 17, 2024 | 8:36 AM IST