शून्य उत्सर्जन पर आईसीएओ सहमत

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 1:56 PM IST

 अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ने 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन पर एक प्रस्ताव पारित किया है, जिससे भारत और अन्य अफ्रीकी-एशियाई देशों ने एक महत्वपूर्ण रियायत हासिल की है।
आईसीएओ की एक आमसभा ने शुक्रवार को शुद्ध शून्य के दीर्घकालिक आकांक्षी लक्ष्य पर एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सदस्य देशों ने यह माना कि प्रत्येक देश की विशेष परिस्थितियां और क्षमताएं नतीजे को प्रभावित करेंगी। ये कारक किसी देश की अपनी राष्ट्रीय समय सीमा के भीतर लक्ष्य हासिल करने की क्षमता का निर्धारण करेंगे। सरकारों ने सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) के त्वरित उपयोग के लिए विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता के आह्वान का भी समर्थन किया। 
इन दोनों रियायतों को भारत ने ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इंडोनेशिया आदि देशों के समर्थन से आगे बढ़ाया। एक प्रेस विज्ञप्ति में आईसीएओ के महासचिव जुआन कार्लोस सालाजार ने कहा, ‘देशों ने इस आयोजन में और हमारे ग्रह की भविष्य की स्थिरता व हवाई परिवहन प्रणाली के लिए खास महत्त्व के विषयों पर कुछ जबरदस्त और बहुत महत्त्वपूर्ण राजनयिक प्रगति हासिल की है जो इसकी आबादी को सेवा से और जोड़ती है।’आईसीएओ के अनुसार, शुद्ध शून्य का लक्ष्य नई विमान प्रौद्योगिकियों को अपनाने, सुव्यवस्थित विमान संचालन और एसएएफ के उपयोग पर निर्भर करेगा। शुद्ध शून्य उत्सर्जन में एसएएफ को विकसित करने के लिए जलवायु वित्त पहल और स्वैच्छिक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की स्थापना का भी आह्वान किया गया है।
यूरोपीय देशों ने जहां 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन पर जोर दिया वहीं भारत ने इक्विटी के सिद्धांत पर जोर दिया। भारत ने तर्क दिया कि विकासशील देशों में विमानन क्षेत्र में भारी वृद्धि देखी जा रही है जबकि विकसित देशों में यह पहले ही चरम पर पहुंच गई है या पहुंचने वाली है जिससे बहुत धीमी वृद्धि हुई है। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के लिए विमानन के महत्व को देखते हुए, विकासशील देशों को विकास हासिल करने के लिए कार्बन स्पेस की अनुमति दी जानी चाहिए। भारत ने यह भी कहा कि एलटीएजी को अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर गैर-टैरिफ बाधाओं का नेतृत्व नहीं करना चाहिए।
मई में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कनाडा में आईसीएओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर भारत के रुख और रैली के समर्थन से अवगत कराया। मंत्री ने भारत में हवाई अड्डों पर एसएएफ और कार्बन कटौती तंत्र में चल रहे पायलट अध्ययनों पर भी प्रकाश डाला। आम सभा के इतर आगे की चर्चा हुई और इससे एक प्रस्ताव में मदद मिली।

First Published : October 9, 2022 | 11:46 PM IST