भारत और कनाडा आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने हेतु बातचीत बहाल करेंगे। इस दिशा में पहले एक अंतरिम व्यापार सौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा और उसके बाद मुक्त व्यापार समझौता या समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) होगा। भारत और कनाडा 2010 से ही सीईपीए पर बातचीत कर रहे हैं और हाल में इस सिलसिले में अगस्त 2017 में बातचीत हुई थी।
अंतरिम या शुरुआती प्रगति व्यापार समझौता (ईपीटीए) में वस्तुओं, सेवाओं, उत्पत्ति संबंधी नियम, स्वच्छता और पादप स्वच्छता संबंधी उपाय, व्यापार की राह में आने वाली तकनीकी बाधाओं और विवाद निपटान प्रणाली जैसे विषय शामिल होंगे।
शुक्रवार को जारी दोनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि कनाडा और भारत द्विपक्षीय निवेश संबंधी बातचीत तेज करने के माध्यम से द्विपक्षीय निवेश की सुरक्षा को बढ़ावा देने व उसके संरक्षण पर सहमत हैं। साथ ही इस लक्ष्य को हासिल करने के साथ सीईपीए पर भी बात होगी।
यह घोषणा पांचवीं व्यापार और निवेश पर मंत्रिस्तरीय बातचीत (एमडीटीआई) के बाद हुई है, जिसकी अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की लघु व्यापार, निर्यात संवर्धन और आंतरिक व्यापार मंत्री मैरी एनजी ने की है। मैरी 4 दिन की भारत यात्रा पर हैं।
भारत और कनाडा कृषि उत्पादों, रसायन, फुटवीयर, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, खनिज एवं धातुओं, शहरी विकास, सूचना तकनीक और पर्यटन जैसे चिह्नित क्षेत्रों में कारोबार मजबूत करने व वाणिज्यिक समझौतों के माध्यम से साझेदारी बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। दोनों देश दवा और अहम एवं दुर्लभ खनिजों के साथ पर्यटन और शहरी बुनियादी ढांचे, अक्षय ऊर्जा व खनन में भी सहयोग बढ़ाएंगे।