भारत के साथ ऑस्टे्रलिया का कुल कारोबार महामारी के पहले के स्तर से ज्यादा हो गया है। हालांकि अभी व्यापार समझौते पर बातचीत गति पकड़ रही है।
सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतरिम व्यापार समझौते को लेकर सहमति पर पहुंच चुकी है और अगले 30 दिन में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते से वस्तुओं और सेवाओं के दोनों देशों के आपसी कारोबार की राह की बाधाएं दूर हो सकेंगी।
यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ कुल कारोबार 17.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह वित्त वर्ष 21 के 12.3 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 20 के 12.6 अरब डॉलर की तुलना में ज्यादा है। यह वित्त वर्ष 19 में हुए 16.7 अरब डॉलर की तुलना में ज्यादा है और ऐसा लगता है कि यह वित्त वर्ष 10 में हुए 18 अरब डॉलर कारोबार के आंकड़े को पार कर जाएगा। इसमें बड़ा हिस्सा ऑस्ट्रेलिया को किए गए निर्यात का है। ऑस्ट्रेलिया को 5.6 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है, जो वित्त वर्ष 19 के 3.5 अरब डॉलर की तुलना में 60 प्रतिशत ज्यादा है। भारत ने 12.1 अरब डॉलर का आयात किया है, जो वित्त वर्ष 19 के 13.1 अरब डॉलर की तुलना में करीब 8 प्रतिशत कम है। कम आयात की वजह असमान आर्थिक रिकवरी को बताया जा रहा है, जिसके कारण स्थानीय मांग पर असर पड़ा है। हाल की आर्थिक समीक्षा के आंकड़ों को देखें तो व्यापार समझौते का दीर्घावधि असर सकारात्मक हो सकता है।