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भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर लगाता है 100% टैरिफ, अब रिसिप्रोकल टैरिफ की बारी; रूसी तेल खरीदारों को भी चेताया

डॉनल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से एक नई 'रिसिप्रोकल टैरिफ' पॉलिसी लागू करने की योजना बनाई है, जिसे वह अमेरिका के लिए "मुक्ति दिवस" (Liberation Day) बता रहे हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 01, 2025 | 9:47 AM IST

व्हाइट हाउस ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100% शुल्क लगाता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा प्रस्तावित ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ नीति के लागू होने में सिर्फ एक दिन बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि अन्य देशों द्वारा लगाए गए ऊंचे शुल्क अमेरिकी उत्पादों को उन देशों में निर्यात करना “लगभग असंभव” बना देते हैं। ट्रंप ने भारत और अन्य देशों द्वारा अमेरिकी सामान पर लगाए जाने वाले ऊंचे टैरिफ की बार-बार आलोचना की है।

ज्यादा टैरिफ से अमेरिका का हो रहा शोषण

कैरोलिन लेविट ने कहा, “दुर्भाग्य से, इन देशों ने बहुत लंबे समय से हमारे देश का शोषण किया है और मुझे लगता है कि उन्होंने अमेरिकी कामगारों के प्रति अपनी उपेक्षा को बहुत साफ कर दिया है।” उन्होंने कहा, “अगर आप अनुचित व्यापार प्रथाओं को देखें — यूरोपियन यूनियन अमेरिकी डेयरी उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाता है, जापान अमेरिकी चावल पर 700% तक का शुल्क लेता है। भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाता है, और कनाडा अमेरिकी मक्खन और चीज़ पर लगभग 300% शुल्क वसूलता है।”

उन्होंने आगे कहा, “इससे अमेरिकी उत्पादों का इन बाजारों में आयात करना लगभग असंभव हो जाता है और बीते कई दशकों में इससे कई अमेरिकी व्यवसाय बंद हुए हैं और लोगों की नौकरियां चली गई हैं।”

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2 अप्रैल से सभी देशों पर लागू होगा रिसिप्रोकल टैरिफ

डॉनल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से एक नई ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ पॉलिसी लागू करने की योजना बनाई है, जिसे वह अमेरिका के लिए “मुक्ति दिवस” (Liberation Day) बता रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल से रिसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी बिना किसी अपवाद के सभी देशों पर लागू होंगे। ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार करार के लिए शुल्क रियायत पर बातचीत कर रहे हैं।

ट्रंप का मानना है कि समान शुल्क न होने की वजह से पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका को भारी व्यापार घाटा हुआ है। वे मानते हैं कि यह नया शुल्क अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अनुचित वैश्विक प्रतिस्पर्धा से बचाएगा। इसके साथ ही यह कदम अमेरिका को फिर से महान बनाने की उनकी योजना का हिस्सा है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि अमेरिका यह शुल्क कैसे लागू करेगा। यह भी नहीं बताया गया है कि इस शुल्क की गणना किस आधार पर की जाएगी। इसी वजह से दूसरे देशों के लिए इससे निपटने की रणनीति बनाना मुश्किल हो रहा है।

रूस से तेल खरीदा तो लगाएंगे 50% टैरिफ- ट्रंंप

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से शांति वार्ता में धीमी रफ्तार से नाराज ट्रंप ने रविवार को रूस पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी। ट्रंप ने संकेत दिया कि जब तक पुतिन यूक्रेन में युद्धविराम के लिए राजी नहीं होते, तब तक अमेरिका रूस से तेल खरीदने वाले देशों के निर्यात पर 25 से 50% तक शुल्क लगा सकता है।

रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क लगाने की अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है। एक अ​धिकारी ने यह जानकारी दी। यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस भारत के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है।

First Published : April 1, 2025 | 9:47 AM IST