PTI
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराते हुए गुरुवार को कहा कि भारत ‘एजेंडा 2063’ के तहत वैश्विक महाशक्ति बनने की अपनी यात्रा में अफ्रीका का विश्वस्त और करीबी साझेदार है।
मोदी ने जोहानिसबर्ग में अफ्रीका महाद्वीप और ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं को अपने संबोधन में आतंकवाद निरोधक कार्रवाई, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जुझारू आपूर्ति शृंखलाएं, जलवायु कार्रवाई और साइबर सुरक्षा को साझा हितों के क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया। ‘एजेंडा 2036’ वर्ष 2013 में प्रभाव में आया था और तब से अगले 50 साल के लिए अफ्रीकी संघ के आर्थिक विकास का खाका है।
मोदी ने ‘ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच’ और ‘ब्रिक्स प्लस संवाद’ में कहा, ‘अफ्रीका को एजेंडा 2063 के तहत भविष्य की वैश्विक महाशक्ति बनाने की यात्रा में भारत एक विश्वस्त और करीबी साझेदार है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा क्षमता निर्माण को और अफ्रीकी देशों के बुनियादी ढांचा विकास को प्राथमिकता दी है।
मोदी ने कहा, ‘लाटिन अमेरिका से मध्य एशिया तक, पश्चिम एशिया से दक्षिण-पूर्व एशिया तक, हिंद-प्रशांत से हिंद-अटलांटिक तक, भारत सभी देशों को एक परिवार की तरह देखता है।’
उन्होंने कहा, ‘वसुधैव कुटुम्बकम का अर्थ है पूरा विश्व एक परिवार है। यह हजारों वर्ष से हमारी जीवनशैली का आधार रहा है। यह हमारी जी-20 की अध्यक्षता का मूलमंत्र भी है।’
प्रधानमंत्री ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के शिखर-सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो यह केवल एक कूटनीतिक शब्द नहीं है। हमारे साझा इतिहास में हमने मिलकर औपनिवेशिकता और रंगभेद का विरोध किया है।’’
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘अफ्रीका की धरती पर ही महात्मा गांधी ने अहिंसा और शांतिपूर्ण विरोध के शक्तिशाली तरीकों का उपयोग किया था।’’ उन्होंने कहा कि गांधी के विचारों और आदर्शों ने नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओं को भी प्रभावित किया।
मोदी ने कहा, ‘‘इतिहास की इस मजबूत बुनियाद पर ही हम अपने आधुनिक संबंधों को नया आकार दे रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने भारत-अफ्रीका संबंधों के अनेक पहलुओं को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है और पांचवां सबसे बड़ा निवेशक देश है।’’
मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद और पायरेसी के खिलाफ लड़ाई में अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर लड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कोविड-19 महामारी के मुश्किल वक्त में अनेक देशों को खाद्य सामग्री और टीकों की आपूर्ति की। अब हम अफ्रीकी देशों के साथ कोविड और अन्य टीकों के संयुक्त उत्पादन पर भी काम कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपने अनुभव और क्षमताओं को अफ्रीकी देशों के साथ साझा करते हुए खुशी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद निरोधक कार्रवाई, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु कार्रवाई, साइबर सुरक्षा, खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और जुझारू आपूर्ति शृंखलाएं बनाने में हमारे साझा हित हैं। सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।’’