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भारत, जापान और फ्रांस ने थामा श्रीलंका का हाथ, कर्ज से उबारने के लिए बनाया साझा प्लेटफॉर्म

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भाषा
Last Updated- April 14, 2023 | 5:52 PM IST

भारत, जापान और फ्रांस ने कठिन आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के लिए कर्जदाताओं के बीच बातचीत का एक साझा मंच बनाने की घोषणा की है। वॉशिंगटन में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) की सालाना बैठकों से इतर एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत तीन कर्जदाता देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्रीलंका को लेकर कर्जदाताओं के बीच कर्ज पुनर्गठन की प्रक्रिया के बारे में बहुपक्षीय सहयोग का प्रदर्शन करना है।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्रीलंका को मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने में समर्थन देने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्ज पुनर्गठन को लेकर होने वाली चर्चा में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने की खातिर कर्जदाताओं के बीच सहयोग होना आवश्यक है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे इस सम्मेलन में ‘ऑनलाइन’ माध्यम से शामिल हुए। जापान के वित्त मंत्री शुनिची सुजुकी ने इस साझा मंच की शुरुआत को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह समिति सभी कर्जदाताओं के लिए है और इसके साथ ही यह उम्मीद भी जताई कि जापान की इस पहल में श्रीलंका का सबसे बड़ा कर्जदाता चीन भी शामिल होगा।

इस संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण और सुजुकी के साथ फ्रांस के वित्त विभाग में महानिदेशक (ट्रेजरी) एमैनुअल मॉलिन भी शामिल हुए। विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर से कहा गया कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्जदाताओं के बीच समन्वय का आह्वान किया है, जो श्रीलंका के कर्ज को पुन: टिकाऊ बनाने के लिए बेहद जरूरी है।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से जब श्रीलंका के कर्जदाताओं द्वारा वॉशिंगटन में उच्च स्तरीय बैठक में औपचारिक वार्ता शुरू करने के बारे में एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘चीन आह्वान करता है कि श्रीलंका के पुनर्गठन में सभी वाणिज्यिक एवं बहुपक्षीय कर्जदाता शामिल हों और कर्ज का भार निष्पक्ष रूप से साझा करें। श्रीलंका की खातिर समाधान निकालने के लिए हम चीन के वित्तीय संस्थानों का समर्थन करते हैं।’

First Published : April 14, 2023 | 5:51 PM IST