भारत बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान की मानवीय जरूरतें पूरा करने के लिए तत्काल राहत और सहायता सामग्री भेजने की योजना बना रहा है। राहत एजेंसी से जुड़े लोगों ने बताया कि भारत पड़ोसी देश के लिए खाना, टेंट, दवाई, रबर के जूते आदि भेजने की तैयारी कर रहा है।
भारत पड़ोसी देश अफगानिस्तान को वहां की पूर्ववर्ती सरकार के पतन के बाद जैसी राहत दे रहा है, उसी तरह सैन्य विमान के माध्यम से पाकिस्तान को भी मदद दी जा सकती है।
एजेंसियों के अनुसार, ‘पहले भारत मानवीय सहायता पहुंचा सकता है, उसके बाद बाढ़ से हुई तबाही के आकलन के आधार पर आगे की मदद पर विचार किया जाएगा।’
माना जा रहा है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी राहत सामग्री की आपूर्ति और वितरण के लिए एक दूसरे के संपर्क में हैं।
हालांकि भारत किसी भी प्राकृतिक आपदा आने पर विश्व के देशों को नियमित रूप से राहत और मदद सामग्री भेजता रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच के संबंधों को देखते हुए भारत की पेशकश अतिरिक्त महत्त्व रखता है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में आई विकराल बाढ़ के कारण मारे गए लोगों के लिए सांत्वना व्यक्त की थी।
मोदी ने ट्वीट कर कहा था, ‘पाकिस्तान को बाढ़ से हुई तबाही के लिए दुखी हूं। हम घायलों और इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के लिए हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और स्थिति जल्द सामान्य होने की उम्मीद करते हैं।
जिसके जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘बाढ़ के कारण हुई तबाही के लिए संवेदना व्यक्त करने पर मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद देता हूं। पाकिस्तान के लोग, ‘इंशाल्लाह’ इस प्राकृतिक आपदा से जल्द उबर जाएंगे और अपने जीवन का पुनर्निर्माण करेंगे।’
राहत एजेंसी और सहायता कर रहे लोगों ने बताया कि जून के मध्य से भारी बारिश ( जो कि 30 वर्षों के राष्ट्रीय औसत का तीन गुना और कुछ प्रांतों में इसके पांच गुना से भी अधिक) के कारण बाढ़ और भारी भू-स्खलन से पाकिस्तान को अभूतपूर्व नुकसान हुआ है जिससे लोगों के जीवन और आजीविका को भी क्षति हुई है।
मोटा-मोटी अनुमान बताते हैं कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण 1,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं और करीब सैकड़ों लोग जख्मी हैं। जबकि घर, बुनियादी ढांचा, आजीविका के साधनों, खेती सभी को व्यापक नुकसान हुआ है।
बाढ़ के कारण करीब दस लाख घरों, 3,000 किलोमीटर सड़कें और 150 पुलों को नुकसान हुआ है जबकि 800,000 पशुओं की भी जान गई है।
राहत एजेंसी के अनुसार, करीब 20 लाख एकड़ में लगी फसलें बरबाद हो गईं।
पाकिस्तान की केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की है, साथ ही 72 जिलों को ‘आपदा प्रभावित’ घोषित किया है, जिसमें बलूचिस्तान और सिंध सबसे अधिक प्रभावित है साथ ही साथ खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब भी।
वैश्विक राहत एजेंसियों के अनुसार, आज के वक्त तक करीब 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हैं जिसमें 64 लाख लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है क्योंकि बारिश लगातार हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र ने 30 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के लिए अपील की, जिसमें सरकारी राहत प्रयासों के लिए 16 करोड़ डॉलर की मांग की गई।