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भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील जल्द होने की संभावना: US कॉमर्स सेक्रेटरी

US कॉमर्स सेक्रेटरी की ओर से यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से तय 90 दिनों की टैरिफ विराम की समय सीमा नजदीक आ रही है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 03, 2025 | 9:43 AM IST

अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक (Howard Lutnick) ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता “ज्यादा दूर नहीं” है। उन्होंने कहा कि दोनों देश अब इस स्टेज पर आ चुके हैं, जो दोनों के हित है। लटनिक ने ये बातें वाशिंगटन में यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के लीडरशिप समिट में अपने की-नोट्स में कहीं। उन्होंने यह भी कहा, “जब उन्होंने भारत में सही व्यक्ति को और दूसरी तरफ की टेबल पर भी सही व्यक्ति को रखा, और हमने उस स्थिति को संभाला, मेरा मानना है।” यानी, दोनों देश बेहतर बातचीत से ट्रेड डील के करीब हैं।

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से निर्धारित 90 दिनों की टैरिफ विराम की समय सीमा नजदीक आ रही है। ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापक टैरिफ से बचने के लिए देशों के लिए 9 जुलाई की समय सीमा निर्धारित की गई है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लटनिक ने संकेत दिया कि भारत को बेहतर शर्तें मिल सकती हैं क्योंकि वह शुरुआती समझौतों में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा, “जो देश पहले आते हैं, उन्हें बेहतर डील मिलती है- यही तरीका है। जो देश 4 जुलाई से 9 जुलाई के बीच आएंगे, वहां बस भीड़ होगी।” उन्होंने यह भी इशारा किया कि भारत डेडलाइन नजदीक आने से पहले समझौता करने की कोशिश कर रहा है।
लटनिक ने यह भी स्वीकार किया कि ट्रंप प्रशासन बेहद तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “इस तरह के समझौते आमतौर पर दो या तीन साल लेते थे, और हम उन्हें एक महीने में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों की सामान्य प्रक्रिया नहीं है।”

फॉक्स बिजनेस के मुताबिक, अमेरिका भारत से क्या उम्मीद कर रहा है, इस पर टिप्पणी करते हुए लटनिक ने कहा कि ट्रंप प्रशासन का लक्ष्य भारत से व्यापक रियायतें हासिल करना नहीं है, बल्कि “भारत के बाजारों तक उचित पहुंच” तलाशना है। इससे पहले मई में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। हालांकि, अभी इसे अंतिम रूप लेने में समय लगेगा।

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ट्रंप पहले अमेरिका के बारे में सोचते हैं, सिर्फ अमेरिका के बारे में नहीं

ट्रंप और उनकी नीतियों का बचाव करते हुए, लटनिक ने कहा, “प्रेसिडेंट ‘अमेरिका फर्स्ट’ सोचते हैं, लेकिन वे ‘केवल अमेरिका’ या ‘विशेष रूप से अमेरिका’ नहीं सोचते हैं। वह पहले घर का ध्यान रखेंगे – ताकि हम बड़े और मजबूत हों – लेकिन फिर वह अपने सहयोगियों का ध्यान रखने वाले हैं। वह यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि वह भारत का ध्यान रखें – जिनकी वह गहराई से प्रशंसा और सम्मान करते हैं – और हमारे बीच एक महान, महान संबंध होने वाला है।”

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता

2 अप्रैल को ट्रंप ने अमेरिका के प्रति कथित ‘अन्यायपूर्ण’ रवैये का हवाला देते हुए 100 से ज्यादा देशों पर जवाबी टैरिफ (reciprocal tariffs) लगा दिए। इस फैसले का असर भारत पर भी पड़ा और अमेरिकी सामान पर भारत द्वारा लगाए गए 52 फीसदी टैरिफ की तुलना में अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया।

इसके बाद 9 अप्रैल को 90 दिन की छूट की घोषणा की गई, जिससे अधिकांश देशों को अमेरिका के साथ समझौते के लिए बातचीत का समय मिला। ट्रंप ने कई मौकों पर कहा कि भारत के साथ टैरिफ पर बातचीत “बहुत अच्छे से आगे बढ़ रही है”, जिससे संकेत मिला कि भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द हो सकता है। हालांकि, 8 मई को ट्रंप ने अपने प्राइवेट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ब्रिटेन के साथ डील की पुष्टि कर दी, जिससे भारत को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

First Published : June 3, 2025 | 9:43 AM IST