भारत प्रस्तावित इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) पर सतर्कता का रुख अपना सकता है जिसका ब्योरा मंगलवार को टोक्यो में क्वाड नेताओं के सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रविवार को रवाना हुए। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भी इसमें हिस्सा लेंगे। क्वाड को आमतौर पर चीन के आर्थिक और सैन्य उभार का रणनीतिक रूप से मुकाबला करने वाला मंच समझा जाता है। ट्रंप प्रशासन ने ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) व्यापार समझौते से खुद को अलग करने का फैसला कर लिया था जिसके बाद बाइडन प्रशासन ने एक नए आर्थिक दृष्टिकोण के साथ एशिया-प्रशांत देशों से संपर्क बनाने की पहल की। हालांकि आईपीईएफ एक पारंपरिक मुक्त व्यापार समझौता नहीं है जिसके तहत देशों को एक-दूसरे के बाजार में व्यापक पहुंच सुगम करने के लिए शुल्क में कटौती की पेशकश करनी पड़ती है। हालांकि इसकी वजह से कई दक्षिण पूर्व एशियाई देश इसकी प्रासंगिकता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लेकिन भारत ने अब तक इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
पिछले साल अक्टूबर में पूर्व एशिया सम्मेलन में बाइडन ने पहली बार आईपीईएफ का जिक्र करते हुए कहा था, ‘अमेरिका भागीदार देशों के साथ मिलकर एक एशिया-प्रशांत आर्थिक प्रारूप तैयार करने की संभावनाएं तलाशेगा जिसके जरिये डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए व्यापार सुगमता, प्रौद्योगिकी, आपूर्ति शृंखला को लेकर लचीलापन, अकार्बनीकरण, स्वच्छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, कामगारों से जुड़े मानक और साझा हितों से जुड़े अन्य क्षेत्रों के लिए हमारे साझा लक्ष्य परिभाषित होंगे।’
डिजिटल कॉमर्स और श्रम मानकों जैसे मुद्दे पर भारत और अमेरिका के विचार बिल्कुल अलग हैं। भारत जिन मुक्त व्यापार समझौते पर रजामंदी देता है उनमें श्रम मानक को शामिल करने का पुरजोर तरीके से विरोध करता है। 2019 में जी 20 देशों के सम्मेलन में भी भारत ने डिजिटल अर्थव्यवस्था पर आधारित ‘ओसाका ट्रैक’ में शामिल न होने का अपना फैसला जता दिया क्योंकि यह ई-कॉमर्स से जुड़े वैश्विक नियम स्थापित करने हिचकता है। भारत का मानना है कि इसकी वजह से विकासशील देश ई-कॉमर्स जैसे नए क्षेत्र में अपने दायरे का विस्तार करने के लिए नीतिगत रूप से वंचित हो सकते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अमेरिका आईपीईएफ को और अधिक समावेशी बनाना चाहता है। इसका दायरा बेहद व्यापक है। आप कागजी स्तर पर ढांचे से जुड़े अहम पहलुओं पर अपनी व्यापक समझ बना सकते हैं लेकिन बात जब विशेष बिंदुओं की आती है तब उसके लिए उन्हें हमेशा बातचीत करनी होगी।’ उन्होंने कहा कि क्वाड बैठक के दौरान ही इसका अंतिम फैसला लिया जाएगा कि आईपीईएफ के साथ भारत का जुड़ाव किस स्तर तक होगा।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शनिवार को कहा कि आईपीईएफ को लेकर बातचीत अब भी जारी है। उन्होंने कहा, ‘हम आपको यह जानकारी जरूर देंगे कि आगे इसका स्वरूप क्या रहता है। लेकिन हम सभी यह महसूस करते हैं कि जहां तक एशिया-प्रशांत क्षेत्र का सवाल है आर्थिक खंड इस क्षेत्र में आर्थिक साझेदारी के अवसरों को भुनाने के लिहाज से अहम है भले ही वे आर्थिक क्षेत्रों के विभिन्न आयामों से जुड़ा हो या फिर क्षमता निर्माण से संबंधित हो। क्वाड सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री की बातचीत का केंद्र एशिया-प्रशांत पर होगा जो क्वाड के लिए अनिर्वाय रूप से प्रमुख क्षेत्र है और इसमें ही सहयोग के आर्थिक आयामों पर चर्चा हो सकती है।’
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर विश्वजित धर का कहना है कि भारत एक जटिल परिस्थिति में फंसा हुआ है क्योंकि इसे क्वाड साझेदारों खासतौर पर अमेरिका को लुभाने के लिए अतिरिक्त कोशिश करनी पड़ सकती है क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के ‘तटस्थ’ रुख से पश्चिमी देशों में खासी नाराजगी है।
धर कहते हैं, ‘अमेरिका काफी हद तक नियामकीय सामंजस्य बनाने की कोशिश कर रहा है। टीपीपी की नींव भी यही थी। दरअसल यही भारत की कमजोरी भी है। श्रम मानकों पर भारत और अमेरिका दोनों ही विपरीत रुख अपनाए हुए हैं। यह भारत के लिए काफी समस्या बढ़ा सकता है। जब तक हम संस्थागत और अन्य क्षमताओं में सुधार नहीं करते हैं, हमें इसका लाभ नहीं मिलने वाला है।’
क्वाड शिखर वार्ता से कार्यों की समीक्षा का मिलेगा मौका: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जापान में क्वाड नेताओं की दूसरी शिखर वार्ता से चारों देशों के नेताओं को समूह द्वारा उठाए गए कदमों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस वार्ता से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रम के साथ ही आपसी हितों से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर भी प्राप्त होगा। जापान की दो दिवसीय (23-24 मई) यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस यात्रा के दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें बहु-आयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा होगी। मोदी ने कहा, ‘हम क्षेत्रीय घटनाक्रम और समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर भी संवाद जारी रखेंगे।’ क्वाड सुरक्षा संवाद में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के नेता शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर टोक्यो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में उन्होंने 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए किशिदा की मेजबानी की थी। मोदी ने कहा, ‘टोक्यो की मेरी यात्रा के दौरान, मैं भारत-जापान विशेष रणनीतिकएवं वैश्विक भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से हमारी बातचीत को जारी रखने की उम्मीद करता हूं।’ उन्होंने कहा कि जापान में वह क्वाड नेताओं के साथ मिलकर दूसरी शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। मोदी ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज पहली बार क्वाड शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। भाषा