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कनाडा के आरोपों पर भारत का तीखा पलटवार, कहा-खालिस्तानी समर्थकों पर करो कार्रवाई

निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नयी दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए खारिज कर दिया।

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भाषा   
Last Updated- October 14, 2024 | 5:30 PM IST

India-Canada Row: भारत ने सोमवार को कनाडा के उन संकेतों को ‘बेतुका आरोप’ बताकर सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त को सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या की जांच से जोड़ा गया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को कल कनाडा से एक ‘‘राजनयिक संचार मिला, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में जांच से संबंधित मामले में ‘निगरानी वाले व्यक्ति’ हैं’’।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती है और इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे के लिए जिम्मेदार ठहराती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।’’

उसने कहा कि भारत अब ‘‘भारतीय राजनयिकों के खिलाफ आरोपों को गढ़ने के कनाडा सरकार के इन नवीनतम प्रयासों’’ के जवाब में आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘चूंकि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए थे, इसलिए कनाडा सरकार ने हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद भारत सरकार के साथ सबूतों का एक अंश भी साझा नहीं किया है।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा का नवीनतम कदम उन बातचीत के बाद उठाया गया है, जिसमें फिर से बिना किसी तथ्य के दावे किए गए थे। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘इससे कोई संदेह नहीं रह जाता कि जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए यह भारत को बदनाम करने की जानबूझकर रची गई रणनीति है।’’ उसने कहा कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत के प्रति बैरपूर्ण स्वभाव लंबे समय से स्पष्ट है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उनके मंत्रिमंडल में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं, जो भारत के संबंध में चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हुए हैं।’’ उसने कहा, ‘‘दिसंबर 2020 में भारत की आंतरिक राजनीति में उनका स्पष्ट हस्तक्षेप दिखाता है कि वह इस संबंध में कहां तक जाना चाह रहे थे।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उनकी सरकार एक ऐसे राजनीतिक दल पर निर्भर है, जिसके नेता भारत के प्रति खुलेआम अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करते हैं, जिससे मामला और बिगड़ गया।’’

चरमपंथी निज्जर की हत्या के बाद रिश्तों में आई खट्टास

पिछले साल सितंबर में ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था। निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नयी दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए खारिज कर दिया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कनाडाई राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप पर आंखें मूंद लेने के लिए आलोचनाओं के घेरे में आई उनकी सरकार ने नुकसान को कम करने के प्रयास में जानबूझकर भारत को इसमें शामिल किया है।’’ उसने कहा कि भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने वाला यह नवीनतम घटनाक्रम अब उसी दिशा में अगला कदम है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह कोई संयोग नहीं है कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब प्रधानमंत्री ट्रूडो को विदेशी हस्तक्षेप पर एक आयोग के समक्ष गवाही देनी है।’’ उसने कहा, ‘‘यह भारत विरोधी अलगाववादी एजेंडे को भी बढ़ावा देता है जिसे ट्रूडो सरकार ने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लगातार बढ़ावा दिया है।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस उद्देश्य से ट्रूडो सरकार ने जानबूझकर हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को कनाडा में भारतीय राजनयिकों और सामुदायिक नेताओं को परेशान करने, धमकाने और डराने के लिए जगह दी है। इसमें उन्हें और भारतीय नेताओं को जान से मारने की धमकी देना भी शामिल है।’’

उसने कहा, ‘‘इन सभी गतिविधियों को बोलने की स्वतंत्रता के नाम पर उचित ठहराया गया है। अवैध रूप से कनाडा में प्रवेश करने वाले कुछ लोगों को तेजी से नागरिकता प्रदान की गई। कनाडा में रहने वाले आतंकवादियों और संगठित अपराध से जुड़े लोगों के संबंध में भारत सरकार के कई प्रत्यर्पण अनुरोधों की अनदेखी की गई है।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा भारत के सबसे वरिष्ठ सेवारत राजनयिक हैं, जिनका 36 वर्षों का शानदार करियर रहा है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘वह जापान और सूडान में राजदूत रह चुके हैं, जबकि इटली, तुर्की, वियतनाम और चीन में भी सेवा दे चुके हैं। कनाडा सरकार द्वारा उन पर लगाए गए आरोप हास्यास्पद हैं और अवमानना ​​के योग्य हैं।’’

उसने कहा, ‘‘भारत सरकार ने भारत में कनाडा के उच्चायोग की गतिविधियों का संज्ञान लिया है जो वर्तमान शासन के राजनीतिक एजेंडे को पूरा करता है।’’

First Published : October 14, 2024 | 5:30 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)