भारत से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा दो वर्षों के अंतराल के बाद रविवार को नियमित रूप से दोबारा शुरू हो गई। कोविड-19 महामारी फैलने से रोकने के लिए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ान निलंबित रखने का निर्णय लिया था। इन उड़ानों की फिर शुरुआत के बाद यात्रियों और विमानन कंपनियों दोनों को राहत मिली है। यात्रियों के लिए यात्रा के अधिक विकल्प हो जाएंगे और विमानन कंपनियों की भी कमाई बढ़ेगी। मुंबई से पहली बार पोलैंड और वियतनाम के लिए सीधी उड़ानें शुरू होंगी जबकि आठ वर्षों बाद दिल्ली से नैरोबी तक की उड़ान सेवा शुरू की जा रही है। मिस्र, मलेशिया और तुर्की के लिए भी उड़ानें शुरू हो रही हैं। शनिवार को इस पर मुहर लग गई।
नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा शुरू होने के साथ ही ‘एयर बबल’ (अस्थायी रूप से कुछ देशों के साथ हवाई यातायात की व्यवस्था) सुविधा समाप्त हो जाएगी। कोविड महामारी के बीच 2020 के मध्य में इस व्यवस्था की शुरुआत हुई थी। वैसे तो ‘एयर बबल’ के तहत भी नियमित उड़ान सेवाएं संचालित की जा रही थीं मगर गंतव्य तक पहुंचने के बाद आगे की यात्रा के लिए टिकटों की बिक्री पर पाबंदी थी। अब ऐसी पाबंदी नहीं रह जाएगी और यात्रियों को यात्रा करने की पूर्ण स्वतंत्रता मिल जाएगी।
छह भारतीय और 60 विदेशी विमान कंपनियों को 40 से अधिक देशों तक रोजाना 930 उड़ान शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। हालांकि कोविड पूर्व की तुलना में ये उड़ानें 22.5 प्रतिशत कम हैं। 2019 के शीतकालीन उड़ान सत्र में विमान कंपनियों ने रोजाना भारत से करीब 1,200 उड़ानों का संचालन किया था।
विदेशी विमान कंपनियों और गंतव्यों की संख्या में भी कमी आई है। कोविड महामारी से पहले 86 विदेशी विमान कंपनियों को भारत आने की अनुमति थी। 2019 के शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में भारतीय एवं विदेशी विमानन कंपनियों के जरिये 55 से अधिक देश हवाई यातायात से जुड़े थे। जिन गंतव्यों तक उड़ान की अनुमति फिलहाल नहीं है उनमें चीन, हॉन्गकॉन्ग, कोरिया, इंडोनेशिया, ताइवान, अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, इटली, स्पेन, स्वीडन और यूक्रेन शामिल हैं।
दिलचस्प बात है कि रूस जाने वालीं उड़ानों पर असर नहीं हुआ है। रूसी विमानन कंपनी एरोफ्लोट को दिल्ली के लिए छह उड़ानें संचालित करने की अनुमति मिली है जबकि एयर इंडिया भी मुंबई-मॉस्को उड़ान सेवा शुरू करने की अनुमति मांग रही है। हवाईअड्डा परिचालकों को उड़ानों की संख्या में धीरे-धीरे तेजी आने की उम्मीद है मगर वे अचानक इनकी संख्या में तेजी से निपटने के लिए भी पूरी तरह मुस्तैद हैं। मुंबई और दिल्ली हवाईअड्डों ने केंद्र सरकार से आव्रजन काउंटरों पर पर्याप्त कर्मचारी तैनात करने की मांग की है। हवाईअड्डों पर किसी तरह ही अव्यवस्था से निपटने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) भी अधिक से अधिक संसाधन तैनात कर रहा है।
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डायल) के अनुसार रोजाना अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या 165 से बढ़कर 300 तक पहुंच सकती है। अप्रैल के पहले सप्ताह में रोजाना 185-190 उड़ानें रोज संचालित हो सकती हैं। यह कोविड पूर्व की तुलना में 66 प्रतिशत कम होंगी। मुंबई हवाईअड्डे पर रोजाना उड़ानों की संख्या जनवरी 2020 की 234 की तुलना में बढ़कर वर्तमान ग्रीष्मकालीन उड़ान कार्यक्रम में 238 तक पहुंच सकती है। ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत मुंबई हवाईअड्डे से रोजाना करीब 98 उड़ान संचालित हुईं मगर रविवार को यह संख्या 150 तक पहुंचने की उम्मीद थी। 2019 के बाद मुंबई से एक बार फिर फिनलैंड के हेलसिंकी तक की उड़ान सेवा शुरू हो रही है।
देश की विमानन कंपनियों में इंडिगो प्रति सप्ताह सबसे अधिक 505 उड़ानों का संचालन करती है। इसके बाद एयर इंडिया (361) और एयर इंडिया एक्सप्रेस (340) सबसे अधिक उड़ान भरती हैं। विदेशी कंपनियों में एमिरेट्स प्रति सप्ताह 170 उड़ान भरेगी। इसके बाद श्रीलंकन एयरलाइंस (128) और ओमान एयर (115) सबसे अधिक उड़ानें संचालित करेंगी।
इंडिगो 150 उड़ाने संचालित करेंगी जिनके दायरे में 15 गंतव्य आएंगे और बाद में मस्कट, कुआलालंपुर और इस्तांबुल के लिए मई और जून में उड़ानों की शुरुआत करेगी। कंपनी लोकप्रिय गंतव्यों के लिए हवाई टिकट पर विशेष छूट की भी पेशकश कर ही है। अमेरिकन एयरलाइंस ने कहा कि वह भारत के लिए अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। कंपनी इंडिगो के साथ अपनी साझेदारी मजबूत कर रही है और सिएटल और बेंगलूरु के बीच इस वर्ष के अंत में नई उड़ान सेवा शुरू करने योजना पर काम कर रही है।
एयर इंडिया भी न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ा रही है और साथ ही ऑस्ट्रेलिया के लिए रोजाना उड़ानों की शुरुआत करने पर विचार कर रही है। कंपनी ने लंदन के लिए भी उड़ानों की संख्या प्रति सप्ताह बढ़ाकर 28 से 33 कर दी है।
दुबई स्थित एमेरिट्स ने प्रति सप्ताह उड़ानों की संख्या बढ़ाकर 170 कर दी है। यह अब कोविड-19 से पूर्व की संख्या के बराबर हो गई है। मगर कुछ विदेशी विमानन कंपनियां अब भी सतर्कता बरत रही हैं। इस बारे में एक विदेशी विमानन कंपनी के भारत प्रमुख ने कहा, ‘उड़ानों की संख्या बढ़ाने से पहले हम यात्रियों की संख्या पर नजर रखेंगे। अगर अचानक उड़ानें बढ़ जाएंगी तो किराया कम हो जाएगा। हम फिलहाल इंतजार करेंगे और उसके बाद उड़ानों की संख्या में इजाफा करेंगे।’
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि करीब दो साल बाद रविवार से अब देश से सभी नियमित अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं फिर से शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि रविवार से गर्मी के मौसम के लिए नई 135 घरेलू और 15 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू की गई हैं।