बाइडन के पैकेज की चिंता से गिरे बाजार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:42 AM IST

वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच बेंचमार्क सूचकांकों में आज पिछले एक महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका में कॉरपोरेट करों में वृद्धि की आशंका और वहां के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा घोषित 1.9 लाख करोड़ डॉलर की कोविड राहत योजना को लेकर चिंता के कारण प्रमुख वैश्विक बाजारों में गिरावट आई। हालांकि दिनभर के कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर में तेजी दिखी लेकिन तेल की कीमतें 10 महीने की शीर्ष ऊंचाई को छू गईं।
बीएसई सेंसेक्स 550 अंकों अथवा 1.1 फीसदी की गिरावट के साथ 49,035 अंकों पर बंद हुआ। इसी प्रकार एनएसई निफ्टी 162 अंकों यानी 1.1 फीसदी की गिरावट के साथ 14,434 अंकों पर बंद हुआ। यह 21 दिसंबर के बाद इन दोनों सूचकांकों के लिए सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। हालांकि सेंसेक्स लगातार 11वें सप्ताह अपनी साप्ताहिक बढ़त दर्ज करने में सफल रहा। लेकिन आज की गिरावट के कारण साप्ताहिक बढ़त घटकर 1.4 फीसदी रह गई। इंडिया वीआईएक्स सूचकांक 4.3 फीसदी बढ़त के साथ 24 अंकों पर पहुंच गया। इससे चिंता जताई जाने लगी कि बाजार में गर्माहट काफी बढ़ गई है। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों का प्रदर्शन भी बेंचमार्क सूचकांकों की ही तरह रहा।
अधिकतर वैश्विक इक्विटी में गिरावट आई जबकि अमेरिकी वायदा बाजार ने भारतीय बाजार समय के दौरान वॉल स्ट्रीट में कमजोर शुरुआत की। बाइडन ने पिछले महीने 900 अरब डॉलर की पैकेज के बाद हाल में एक राहत योजना की घोषणा की थी जिसमें अमेरिकी नागरिकों और स्थानीय सरकारी निकायों को अधिक प्रत्यक्ष भुगतान करने जैसे उपायों की घोषणा की गई थी ताकि खर्च को बढ़ावा देते हुए आर्थिक वृद्धि को पुनर्जीवित किया जा सके।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राहत पैकेज की उम्मीद में कारोबार को रफ्तार मिली थी लेकिन अब वह योजना कोसो दूर दिख रही है। अमेरिकी कांग्रेस में विरोध के बाद उस प्रस्ताव पर पानी फिर गया और कुछ करों में वृद्धि की आशंका दिखने लगी है। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक इसे लेकर अनिश्चित हैं कि क्या बाइडेन प्रशासन द्वारा पेश राहत उपाय आर्थिक वृद्घि में तेजी लाने के लिए पर्याप्त साबित होंगे या नहीं। आर्थिक वृद्घि कोविड-19 महामारी की वजह से प्रभावित हुई है।
आईएनजी ग्रोएप में दरों के लिए वरिष्ठ रणनीतिकार एंटोने बाउवेट ने कहा, ‘बाइडन की बड़ी वित्तीय योजनाएं स्पष्ट हैं, और अब मौजूदा हालात अमेरिकी उम्मीदों को पूरा करने पर केंद्रित होने चाहिए। टीके की पेशकश की मौजूदा धीमी गति को देखते हुए स्थिति जल्द बेहतर होने की संभावना नहीं दिख रही है।’
जियोजित फाइनैंशियल में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘1.9 लाख करोड़ डॉलर का ‘अमेरिकन रेस्क्यू प्लान’ धारणा में सकारात्मक सुधार लाने में नाकाम रहा। निवेशक मुनाफावसूली का सहारा ले सकते हैं, क्योंकि बाजार का अल्पावधि रुझान बजट की उम्मीदों, तीसरी तिमाही के नतीजों और विदेशी प्रवाह पर निर्भर करेगा।’ शुक्रवार की गिरावट में आईटी शेयरों का भी बड़ा योगदान रहा। टेक महिंद्रा में 4.4 प्रतिशत और  एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 3.7 प्रतिशत की गिरावट आई। भारती एयरटेल में 3.8 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली।
सेंसेक्स में चढऩे वाले शेयरों में आईटीसी, बजाज ऑटो और बजाज फाइनैंस जैसे कुछ ही शेयर शामिल थे।

बाइडन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कोरोनावायरस के संकट से जूझ रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए 1.9 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैके की घोषणा की है। इस राहत पैकेज में औसत अमेरिकियों को प्रत्यक्ष वित्तीय मदद, छोटे व्यवसायों और राष्ट्रीय टीकाकरण योजना को सहायता शामिल है। बाइडन ने अमेरिकन रेस्क्यू प्लान पेश करते वक्त अपने संबोधन में कहा, ‘इस महामारी के दौरान, लाखों अमेरिकियों ने अपनी गरिमा और पहचान खोई है।’
गुरुवार को घोषित राहत पैकेज में कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए 415 अरब डॉलर की राशि, लोगों और परिवारों को प्रत्यक्ष मदद के लिए 1 लाख करोड़ डॉलर और व्यवसायों की मदद के लिए 440 अरब डॉलर की राशि शामिल है। इसमें अमेरिकियों के लिए मार्च के मध्य से लेकर सितंबर के अंत तक प्रमुख बेरोजगार कार्यक्रमों के लिए भी 1,400 डॉलर की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि शामिल है और साप्ताहिक अतिरिक्त बेरोजगारी मदद 300 डॉलर से बढ़ाकर 400 डॉलर की जाएगी।  बाइडन के प्र्रस्ताव में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए भी 20 अरब डॉलर और कोरोनावायरस टेस्टिंग का दायरा बढ़ाने के लिए 50 अरब डॉलर की रकम निर्धारित की गई है। एजेंसी

First Published : January 15, 2021 | 11:18 PM IST