मॉरिशस अब अंतर-सरकारी संस्था फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के नजदीक पहुंच गया है। एंटी-मनी लाउंडरिंग मानक निर्धारित करने वाले एफएटीएफ ने यह स्वीकार किया है कि इस द्वीप देश ने काले धन को वैध बनाने और आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ अपनी मुहिम में प्रगति की है।
इस महीने हुई बैठक में एफएटीएफ ने यह निष्कर्ष निकाला कि मॉरिशस ने अपनी कार्य योजना को गंभीरता के साथ पूरा कर लिया है।
अब उसने इस संदर्भ में अब तक हुई प्रगति का जायजा लेने के लिए इस द्वीप देश की यात्रा के लिए अपना प्रतिनिधि मंडल अधिकृत किया है। इस यात्रा का मकसद एफएटीएफ सिफारिशों के संदर्भ में मॉरिशस द्वारा किए गए सुधारों का आकलन करना है।
एफएटीएफ ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा था, ‘एफएटीएफ कोविड-19 स्थिति पर निगरानी बरकरार रखेगा और जल्द से जल्द उस देश का दौरा सुनिश्चित करेगा।’
एफएटीएफ ने इस द्वीप देशरा शुरू किए गए चार प्रमुख सुधारों पर ध्यान दिया है। इनमें काले धन को वैध बनाने के खिलाफ समझ और आतंकवाद के वित्त पोषण से संबंधित जोखिमों पर ध्यान देने के साथ साथ संबद्घ अधिकारियों द्वारा सही समय पर और सटीक जानकारी तक पहुंच सुनिश्चित करना मुख्य रूप से शामिल हैं।
मॉरिशस ने फाइनैंशियल सर्विसेज कमीशन के लिए जोखिम-आधारित निगरानी प्लान तैयार किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण मुहैया कराया है कि वे काले धन की जांच में सक्षम हो सकें।
मॉरिशस के वित्तीय सेवा एवं वस्तु प्रशासन मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एक रिपोर्ट में कहा था, ‘अब तक किए गए सभी उपाय एवं प्रयास काले धन, आतंकवाद के वित्त पोषण से मुकाबले के लिए अपने प्रयासों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए मॉरिशस सरकार की प्रतिबद्घता को दर्शाते हैं।’ फरवरी, 2020 में, मॉरिशस को उन क्षेत्रों की सूची में शामिल किया गया था जिन्हें निगरानी बढ़ाने की जरूरत थी। इस सूची को अक्सर ‘ग्रे लिस्ट’ कहा जाता है।
इन क्षेत्रों को अपनी व्यवस्थाओं में रणनीतिक खामियां दूर करने के लिए एफएटीएफ के साथ सक्रिय रूप से निगरानी बढ़ाने की जरूरत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए मॉरिशस ने अपनी एएमएल/सीएफटी व्यवस्था की प्रभावकारिता को मजबूत बनाने के लिए एफएटीएफ और साउदर्न अफ्रीका एंटी-मनी लाउंडरिंग गु्रप के साथ कार्य करने के लिए एक उच्चस्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्घता की थी।