ग्रे लिस्ट से निकलेगा मॉरिशस

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 10:09 PM IST

मॉरिशस ग्रे लिस्ट से निकलने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गया है। एंटी-मनी लाउंडरिंग मानक तैयार करने वाली अंतर-सरकारी संस्था फाइनैंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने यह स्वीकार किया है कि द्वीप देश ने काले धन को वैध बनाने और आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ अपनी मुहिम में अच्छी प्रगति की है।
एफएटीएफ ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘मॉरिशस ने वैश्विक व्यवसायों और प्रबंधन कंपनियों के लिए जोखिम-आधारित निगरानी योजना विकसित कर अपनी एंटी-मनी लॉन्डरिंग/कम्बेटिंग द फाइनैंसिंग ऑफ टेररिज्म (एएमएल/सीएफटी) व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं।’
एफएटीएफ ने मॉरिशस से पांच पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर अपनी रणनीतिक खामियों को दूर करने के लिए कार्य योजना की दिशा में लगातार कार्य करने को कहा है। इन पांच पहलुओं में वित्तीय सेवा आयोग के लिए प्रभावी जोखिम-आधारित निगरानी योजना का क्रियान्वयन और संबद्घ प्राधिकरणों द्वारा मूल और लाभार्थी स्वामित्व जानकारी तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल है।
फरवरी में, इस देश को उन क्षेत्रों की सूची में रखा गया था जिन्हें निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। इस सूची को अक्सर ‘ग्रे लिस्ट’ के तौर पर जाना जाता है। इस बीच, मॉरिशस सितंबर में भारत में दूसरा सबसे बड़ा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बनने की राह पर पुन: बढ़ा है।
अत्यधिक निगरानी वाले क्षेत्र अपनी व्यवस्थाओं में रणनीतिक खामियों को दूर करने के लिए एफएटीएफ के साथ मिलकर सक्रिय तौर पर काम करते हैं। ये उपाय काले धन की समस्या, आतंकवाद वित्त पोषण से मुकाबले के लिए किए जाते हैं। एफएटीएफ को मॉरिशस में सीमा-पार लेनदेन के लिए क्रियान्वित नियंत्रण उपायों पर आधारित बैंकिंग ढांचे के अनुरूप समझा गया है।
मॉरिशस के वित्त सेवा एवं सुशासन मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में कहा गया, ‘ वित्तीय सेवा क्षेत्र के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ प्रणालियों के साथ जरूरी कार्यों को आगे बढ़ाना जरूरी है। मंत्रालय चाहता है कि मॉरिशस के निवेशक समुदाय का भरोसा फिर से लौटे और इसके लिए मौजूदा प्रतिबद्घता (उच्च राजनीतिक स्तर पर) जरूरी है।’
मॉरिशस को एफएटीएफ एक्शन प्लान के क्रियान्वयन में मदद के लिए यूरोपीय संघ-समर्थित एएमएल/सीएफटी ग्लोबल फैसिलिटी और जर्मन सरकार (जर्मन डेवलपमेंट एजेंसी, जीआईजेड के जरिये) तकनीकी सहायता प्राप्त हुई है। मॉरिशस ने 58 में से 53 सुझाए गए कार्यों को पूरा किया है जिनमें 6 बड़े सुझाव भी शामिल हैं और चिन्हित कमियों को दूर करने के लिए एक सहमत समय-सीमा है।
मॉरिशस में साने की मुख्य परिचालन अधिकारी रुबिना टूराबा ने कहा, ‘आईसीआरजी (इंटरनैशनल को-ऑपरेशन रिव्यू गु्रप) ने एफएटीएफ सदस्यों को मॉरिशस द्वारा किए गए उपायों के बारे में हुई प्रगति की जानकारी दी है। मॉरिशस ने कोविड-19 के हालात के बावजूद इस दिशा में अच्छी प्रगति की है।’
उन्होंने कहा कि मॉरिशस को फरवरी 2021 के अगले सत्र के लिए इस साल के अंत तक ताजा रिपोर्ट तैयार करने और सौंपने की जरूरत है। यह संभावना जताई जा रही है कि प्लेनरी सत्र के परिणामस्वरूप मॉरिशस ग्रे लिस्ट से निकल जाएगा। हाल में इस सूची से बाहर निकलने वाले देशों में आइसलैंड और मंगोलिया थे।

First Published : October 27, 2020 | 11:39 PM IST