ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिजिटल शिखर वार्ता में सोमवार को कहा कि रूस के यूक्रेन में ‘भयानक’ आक्रमण करने के बाद युद्धग्रस्त देश में हुई जनहानि के लिए उसे जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऐसी भयानक घटनाएं कभी न हों। मॉरिसन ने यूक्रेन संकट पर क्वाड देशों के नेताओं की हाल में हुई बैठक का भी जिक्र किया और कहा कि इससे ‘हिंद प्रशांत क्षेत्र’ के लिए घटनाक्रम के ‘असर और परिणामों’ पर चर्चा करने का अवसर मिला। ‘क्वाड’ चार देशों का एक समूह है। इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम यूरोप में भयानक स्थिति से व्यथित हैं, हालांकि हमारा ध्यान हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अधिक है।’ वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विविध क्षेत्रों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों में काफी प्रगति देखी गई है। उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक सहयोग समझौते के लिए वार्ता के नतीजे पर पहुंचना आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारी भागीदारी मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खनिज, जल प्रबंधन और अक्षय ऊर्जा के अहम क्षेत्रों में तीव्र गति से सहयोग बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर वार्ता का तंत्र स्थापित होने को लेकर मैं खुश हूं।’
मॉरिसन ने यूरोप में ‘परेशान करने वाली’ और भयानक स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की तरह घटनाएं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कभी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं उस साझेदारी के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं, जो हमारे बीच है, जबकि हम निश्चित रूप से यूरोप की भयानक स्थिति से व्यथित हैं।’ क्वाड देशों के नेताओं ने 3 मार्च को यूक्रेन संकट पर चर्चा के लिए ऑनलाइन बैठक की थी।
मॉरिसन ने कहा, ‘हमारा क्षेत्र बदलाव और बहुत दबाव का सामना कर रहा है और क्वाड नेताओं की हाल में बैठक हुई थी, जिसमें हमें यूक्रेन पर रूस के गैरकानूनी आक्रमण पर चर्चा करने का अवसर मिला था। हमें अपने लिए उस भयानक घटना के निहितार्थ और परिणामों पर भी विचार-विमर्श करने का मौका भी मिला था।’ उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी उस महत्त्वाकांक्षा को दर्शाती है, जो दोनों ने साझा की और संबंधों को बनाए रखा। उन्होंने कहा, ‘आपसी सहयोग की गति उल्लेखनीय रही है। हमारी इच्छा इस सहयोग को और बढ़ाने की है।’
प्रधानमंत्री मॉरिसन यूक्रेन पर भारत के रुख को समझते हैं
विदेश सचिव शृंगला ने सोमवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन यूक्रेन संकट पर भारत के रुख को समझते हैं तथा मॉरिसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगता है कि यूरोप में हो रहा संघर्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अपना ध्यान भटकाने का कारण नहीं होना चाहिए। मोदी और मॉरिसन के बीच डिजिटल शिखर बैठक के दौरान यूक्रेन में जारी संघर्ष और मानवीय हालात पर भी चर्चा हुई। विदेश सचिव शृंगला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि मॉरिसन ने यूक्रेन संकट पर भारत के रुख को समझने की बात कही है।
शृंगला ने कहा कि वार्ता के दौरान यूक्रेन के मौजूदा मानवीय हालात और संघर्ष को लेकर भी गंभीर चिंता जताई गई और दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन में हिंसा को तत्काल रोके जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों का मानना है कि यूरोप में जारी संघर्ष हम लोगों के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र से ध्यान भटकाने का कारण नहीं बनना चाहिए।’
गौरतलब है कि अपने क्वाड साझेदारों (अमेरिका,जापान और ऑस्ट्रेलिया) के उलट भारत ने यूक्रेन में जारी रूसी हमले की निंदा नहीं की है और भारत लगातार कहता रहा है कि इस संकट का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिये किया जाना चाहिए। शृंगला ने यह भी कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने पारस्परिक हितों वाले क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और आतंकवाद को लेकर भी चिंता जताई।