नेपाल की संसद ने नक्शा संबंधी विधेयक पारित किया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 12:33 PM IST

भारत के कड़े विरोध के बावजूद नेपाल की संसद ने उस नए राजनीतिक नक्शे को अद्यतन करने के लिए संविधान में गुरुवार को संशोधन कर दिया, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण भारत के तीन क्षेत्रों को शामिल किया गया है। भारत ने नेपाल के मानचित्र में बदलाव करने और कुछ भारतीय क्षेत्रों को उसमें शामिल करने से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को नेपाली संसद के निचले सदन में पारित किए जाने पर शनिवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह ‘कृत्रिम विस्तार’ साक्ष्य एवं ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह ‘मान्य नहीं’ है ।
भारत ने नवंबर 2019 में एक नया नक्शा जारी किया था, जिसके करीब छह महीने बाद नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था। नेपाली संसद के ऊपरी सदन यानी नैशनल असेंबली ने संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसके बाद नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक में नक्शे को बदलने का रास्ता साफ हो गया है। नेपाली संसद के ऊपरी सदन में संविधान संशोधन विधेयक रविवार को पेश किया गया था। इससे एक दिन पहले निचले सदन से इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। 

नेपाल की राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नए राजनीतिक नक्शे को बदलने वाले संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए जिसमें रणनीतिक महत्त्व वाले तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया है। हिमालयन टाइम्स की खबर के अनुसार राष्ट्रपति भंडारी ने नेपाल के संविधान दूसरा संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। अखबार ने लिखा, ‘उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 274 (10) में संशोधन वाले विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ नए नक्शे को लागू करने की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से पूरी हो गई है।’ नेपाल की ‘कोट ऑफ आम्र्स’ अब नए नक्शे में लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्रों को शामिल करेगी। 

First Published : June 18, 2020 | 10:31 PM IST