वर्ष 2020 के शांति नोबेल पुरस्कार से विश्व खाद्य कार्यक्रम को सम्मानित किया जाएगा। वैश्विक स्तर पर भूख से लडऩे और खाद्य सुरक्षा के प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र के इस कार्यक्रम को यह सम्मान देने की शुक्रवार को घोषणा की गई। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने पिछले साल दुनिया के 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों को सहायता दी।
डब्ल्यूएफपी के प्रमुख डेविड ब्यासले ने नाइजर से एसोसिएट प्रेस से बात करते हुए कहा, ‘मैं मानता हूं कि मेरे जीवन में पहली बार है जब मैं नि:शब्द हूं। यह बहुत ही स्तब्ध करने वाला और चकित करने वाला है।’ ब्यासले ने बताया कि नोबेल पुरस्कार मिलने की जानकारी उन्हें डब्ल्यूएफपी के मीडिया अधिकारी से मिली। नोबेल समिति ने कहा कि कोरोनावायरस की महामारी के चलते दुनियाभर में भूखे लोगों की संख्या में लाखों का इजाफा हुआ है। समिति ने सरकारों से कहा कि वे विश्व खाद्य कार्यक्रम और अन्य सहायता संगठनों को वित्तीय मदद सुनिश्चित करें ताकि वे उन्हें भोजन मुहैया करा सकें।
ओस्लो में नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रेइस एंडरसन ने नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, ‘इस साल के सम्मान के साथ हमारी (समिति) इच्छा दुनिया का ध्यान उन लाखों लोगों की ओर आकृष्ट कराने की है जो भूख की पीड़ा सह रहे हैं या उनके समक्ष इसका खतरा है।’ उन्होंने कहा, ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम ने खाद्य सुरक्षा को शांति की कुंजी बनाने के लिए बहुस्तरीय सहयोग में अहम भूमिका निभाई है।’ बेरिट ने कहा, ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम राष्ट्रों में भाईचारा बढ़ाने के लिए रोजाना कार्य कर रहा है जिस (लक्ष्य) का उल्लेख अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में किया है।’
इस साल भी शांति नोबेल पुरस्कार के कई दावेदार थे। एक फरवरी को नामांकन की अंतिम तारीख तक 211 हस्तियों और 107 संगठनों को नामांकित किया गया था। हालांकि, नार्वे की नोबेल समिति ने दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के विजेता को लेकर पूर्ण गोपनीयता बरती। पुरस्कार के तौर पर विजेता को 10 दिसंबर को ओस्लो में आयोजित समारोह में एक करोड़ क्रोन (करीब आठ करोड़ रुपये) नकद और स्वर्ण पदक दिया जाएगा। यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर दिया जाता है। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से इस बार छोटे स्तर पर समारोह का आयोजन किया जाएगा। अगले हफ्ते अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।