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PM Modi interview: साइबर हमलों से दुनिया को हुआ करीब 5,200 अरब डॉलर का नुकसान, हो रही आतंकवाद को फंडिंग

PM Modi ने कहा, 'साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, धनशोधन से लेकर ड्रग्स और आतंकवाद तक धन पहुंचाने के लिए नेटवर्क प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल... ये असल चुनौती का एक छोटा हिस्सा है,

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भाषा   
Last Updated- September 03, 2023 | 5:08 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आतंकवादी संगठन कट्टरता फैलाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं और डार्क नेट, मेटावर्स और क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म जैसे उभरते डिजिटल माध्यमों का फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने साथ ही साइबर अपराधों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत बताई।

प्रधानमंत्री ने PTI-भाषा के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि विश्व बैंक का अनुमान है कि साइबर हमलों से 2019-2023 के दौरान दुनिया को लगभग 5,200 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इनका असर वित्तीय पहलुओं से परे ऐसी गतिविधियों पर पड़ता है, जो बेहद चिंताजनक हैं। इसके सामाजिक और भू-राजनीतिक निहितार्थ हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, धनशोधन से लेकर ड्रग्स और आतंकवाद तक धन पहुंचाने के लिए नेटवर्क मंचों का इस्तेमाल… ये असल चुनौती का एक छोटा हिस्सा है, जो दिखाई दे रहा है।’

मोदी ने कहा कि साइबरस्पेस ने अवैध वित्तीय गतिविधियों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बिल्कुल नया आयाम जोड़ा है। उन्होंने कहा, ‘आतंकवादी संगठन कट्टरपंथ के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं, मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स से मिले धन को आतंकी फंडिंग की ओर मोड़ रहे हैं। अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए डार्क नेट, मेटावर्स और क्रिप्टोकरेंसी मंच जैसे उभरते डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने साइबर खतरों को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि वित्तीय नुकसान इसके प्रतिकूल प्रभाव का सिर्फ एक पहलू है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा साइबर हमलों का राष्ट्रों के सामाजिक ताने-बाने पर भी असर पड़ सकता है।

मोदी ने कहा कि ‘डीप फेक’ के प्रसार से अराजकता पैदा हो सकती है और समाचार स्रोतों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरें और ‘डीप फेक’ का इस्तेमाल सामाजिक शांति को को भंग करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसे में यह हर समूह, हर राष्ट्र और हर परिवार के लिए चिंता का विषय है। इसीलिए हमने इसे प्राथमिकता के रूप में लिया है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जुलाई में गुरुग्राम में NFT (नॉन-फंजिबल टोकन), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पर G20 सम्मेलन की मेजबानी की। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान साइबरस्पेस और अंतरराष्ट्रीय कानून के स्थापित मानदंडों, सिद्धांतों और नियमों के खिलाफ जाकर होने वाली साइबर गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की गई।

मोदी ने इस बात पर जोर दिया गया कि इनकी रोकथाम के लिए बनाई जा रही रणनीतियों में समन्वय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां वैश्विक सहयोग वांछनीय है, लेकिन साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग न केवल वांछनीय है, बल्कि अपरिहार्य है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि, खतरे की गतिशीलता काफी व्यापक है – संचालक कहीं और हैं, संपत्ति कहीं और है, वे किसी तीसरे स्थान पर ‘होस्ट’ किए गए सर्वर के जरिये बात कर रहे हैं, और उनकी फंडिंग पूरी तरह एक अलग क्षेत्र से हो रहा है। जबतक इस श्रृंखला के सभी देश सहयोग नहीं करेंगे, बहुत कम सफलता संभव है।’

First Published : September 3, 2023 | 5:08 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)