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प्रबोवो सुबियांतो ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पद की ली शपथ, 40 से अधिक देशों के नेता और अधिकारी हुए शामिल

सुबियांतो लंबे समय से बेहद लोकप्रिय राष्ट्रपति जोको विडोडो के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और उन्होंने इससे पहले दो बार 2014 और 2019 में उनके खिलाफ राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा।

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भाषा   
Last Updated- October 20, 2024 | 6:26 PM IST

प्रबोवो सुबियांतो ने विश्व में सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के आठवें राष्ट्रपति के रूप में रविवार को शपथ ली। इसके साथ ही, उन्होंने देश की सैन्य तानाशाही के दौरान मानवाधिकारों का हनन करने के आरोपों का सामना करने वाले पूर्व जनरल से लेकर राष्ट्रपति पद तक का सफर पूरा किया।

पूर्व रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबियांतो (73) ने देश के सांसदों और अन्य देशों से आमंत्रित किए गए गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष ‘कुरान’ पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित किये गए शपथ ग्रहण समारोह में 30 से अधिक देशों के नेता और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिसमें ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, रूस, दक्षिण कोरिया, चीन, ऑस्ट्रेलिया और अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश सम्मिलित हैं।

सुबियांतो, पूर्व राष्ट्रपति जोको विडोडो के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और उन्होंने इससे पहले दो बार 2014 और 2019 में उनके खिलाफ राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था। हालांकि, विडोडो ने पुन: राष्ट्रपति बनने के बाद सुबियांतो को रक्षा प्रमुख नियुक्त किया था, जिससे उनके बीच गठजोड़ का मार्ग प्रशस्त हो गया। चुनाव प्रचार के दौरान, सुबियांतो ने विडोडो के बेटे को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किया था।

विडोडो द्वारा समर्थन दिए जाने और उनकी नीतियों को जारी रखने के वादे के बूते राष्ट्रपति चुनाव में सुबियांतो ने शानदार जीत हासिल की थी। सुबियांतो के साथ-साथ देश के नये उपराष्ट्रपति जिब्रान राकाबुमिंग राका (37) ने भी शपथ ली। वह सुरकार्ता के मेयर रह चुके हैं। सुबियांतो ने विडोडो के बेटे को उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना।

प्रबोवो सुबियांतो ने राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कई अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से नए राजधानी शहर का निर्माण करने, घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कच्चे माल के निर्यात पर अंकुश लगाने जैसी प्रमुख नीतियों को जारी रखने का वादा किया था। दक्षिण-पूर्व एशिया के इस देश की आबादी 28.2 करोड़ है जिसमें लगभग 90 प्रतिशत लोग मुसलमान हैं।

जॉर्डन के शासक अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन के रविवार के समारोह में शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण अंतिम समय में इसे रद्द कर दिया गया। उन्होंने विदेश मंत्री नैन्सी नामरूका को अपने विशेष दूत के रूप में भेजने का फैसला किया।

समारोह में शमिल होने के लिए 30 से अधिक देशों के नेता और वरिष्ठ अधिकारी आए, जिनमें चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के नेता शामिल थे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड को भेजा। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में हिंद-प्रशांत कमान के अमेरिकी कमांडर एडमिरल सैमुअल पापारो भी शामिल थे।

सुबियांतो ने विडोडो की सबसे महत्वाकांक्षी और विवादास्पद परियोजना — बोर्नियों में एक नयी राजधानी के निर्माण — को भी आगे बढ़ने का वादा किया है। यह भीड़भाड़ वाले जकार्ता से लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी पर है। राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले भाषण में, एक जोशीले वक्ता के रूप में, सुबियांतो ने व्यापक भ्रष्टाचार का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि बहुत से लोग नौकरी पाने में असमर्थ हैं, बच्चे कुपोषित हैं और उनके स्कूलों की स्थिति ठीक नहीं है। सुबियांतो ने कहा, ‘‘हमारे बहुत से भाई-बहन गरीबी रेखा से नीचे हैं, हमारे बहुत से बच्चे बिना नाश्ते के स्कूल जाते हैं और उनके पास स्कूल के लिए कपड़े नहीं हैं।’’

फरवरी में हुए राष्ट्रपति चुनाव से पहले, उन्होंने देश भर के 4,00,000 से अधिक स्कूलों में 8.3 करोड़ छात्रों को दोपहर का भोजन और दूध निशुल्क उपलब्ध कराने का भी वादा किया था।

First Published : October 20, 2024 | 3:08 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)