Crude Oil: रविवार को सऊदी अरब ने क्रूड ऑयल को लेकर बड़ा फैसला किया है। सऊदी अरब का कहना है कि दुनिया भर में फैल रही मंदी की आशंका के बावजूद तेल उत्पादन में प्रति दिन दस लाख बैरल की और कमी करेगा। कीमतों को बढ़ाने के लिए उत्पादन में कमी का ये फैसला लिया गया है।
सऊदी अरब ने ये घोषणा क्रूड एक्सपोर्ट देशों के 13 सदस्यीय संगठन (ओपेक) और रूस के नेतृत्व में इसके 10 भागीदारों की बैठक के बाद की है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ओपेक + देशों की ओर से क्रूड उत्पादन को लेकर मौजूदा नीति बनाए रखने की उम्मीद थी। लेकिन अब सऊदी की तरफ से उत्पादन में कटौती का ये फैसला आना सभी के लिए चौकाने वाला है।
इस फैसले के बाद क्रूड की कीमतों में तेजी आई है। ऐसे में भारत में एक और फिर से सस्ते पेट्रोल-डीज़ल की उम्मीद को झटका लगा है।
सऊदी अरब ने फैसला किया है कि वो साल 2024 तक प्रति दिन 500K बैरल कटौती को आगे बढ़ाएगा। सऊदी अरब प्रतिदिन 10 लाख बैरल अतिरिक्त कटौती करेगा। वहीं इराक 2024 तक प्रति दिन 211K बैरल कटौती को आगे बढ़ाएगा। रूस 2024 तक स्वैच्छिक उत्पादन कटौती को आगे बढ़ाएगा। ओपेक प्रतिदिन 40.5 मिलियन बैरल के नए उत्पादन लक्ष्य से सहमत है।
फैसले का क्या होगा असर
इससे पहले अप्रैल में, ओपेक+ के कई सदस्य स्वेच्छा से उत्पादन में एक मिलियन बीपीडी से अधिक की कटौती करने पर सहमत हुए थे। वहीं, एक और कटौती भारत जैसे क्रूड इंपोर्ट करने वाले देशों के लिए परेशानी बढ़ाने वाली साबित हो सकती है। क्योंकि सस्ते क्रूड के बाद भारत में उम्मीद थी कि पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कटौती की जा सकेगी।
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात अपने उत्पादन में कटौती को मापने के तरीके में बदलाव पर जोर दे रहा था। अंगोला और नाइजीरिया सहित कई ओपेक+ देश, जो पहले से ही अधिकतम क्षमता पर लग रहे हैं- अपने कोटा को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।