अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने कहा है कि अमेरिका सफल एच1बी वीजा आवेदकों के लिए दूसरी लॉटरी का आयोजन करेगा। इस फैसले से सैकड़ों भारतीय आईटी पेशेवरों को दूसरा मौका मिलेगा, जो पहले चयन में एच1बी वीजा नहीं पा सके थे।
यूएससीआईएस ने कहा कि इस साल की शुरुआत में आयोजित एच-1बी वीजा के लिए कंप्यूटरीकृत ड्रॉ के दौरान उन्हें कांग्रेस से मंजूरी प्राप्त एच-1बी वीजा की पर्याप्त संख्या नहीं मिली थी। इसलिए दूसरे ड्रॉ का फैसला किया गया। एच1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जिसकी मदद से अमेरिकी कंपनियां सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत वाले विशिष्ट पेशों में विदेशी कर्मियों को नौकरियों पर रखती हैं। प्रौद्योगिकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों लोगों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर करती है। यूएससीआईएस ने एक बयान में कहा, ‘हमें वित्त वर्ष 2022 के संख्यात्मक आवंटन तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त पंजीकरण को चयनित करने की जरूरत है।’