प्रस्तावित 15 फीसदी वैश्विक कर दर बढ़ाने का सुझाव

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:52 PM IST

हाल में जारी की गई विश्व असमानता रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर प्रस्तावित 15 फीसदी की वैश्विक न्यूनतम कर की दर को बढ़ाया जाए। उल्लेखनीय है कि इस कर को 15 फीसदी पर रखने की सहमति बन चुकी है।
इसमें कहा गया है कि 15 फीसदी की दर निर्धारित होने पर देशों के बीच अपने निगम कर की दरों को उस स्तर पर लाने की होड़ मच जाएगी। यदि इसे बढ़ाकर मान लीाजिए कि 25 फीसदी पर रखा जाए तो यह जोखिम कम हो जाएगा। इसमें गणना की गई है कि 15 फीसदी की कर की दर निर्धारित होने पर भारत को बिना कानूनी अपवाद के साल में 50 करोड़ यूरो का लाभ होगा और कानूनी अपवाद के साथ उसे सालाना 40 करोड़ यूरो का लाभ होगा।         
दूसरी तरफ 25 फीसदी की कर की दर निर्धारित होने पर भारत को बिना कानूनी अपवाद के सालाना 1.4 अरब यूरो का लाभ होगा लेकिन कानूनी अपवाद के साथ 1.2 अरब यूरो का लाभ होगा।
कानूनी अपवाद के तहत कम कर वाले देशों में निगमों को पर्याप्त गतिविधि की अनुमति मिलती है। उन्हें न्यूनतम कर से छूट दी जाती है।
इस रिपोर्ट को फ्रांस स्थित वल्र्ड इनइक्वलिटी लैब की ओर से जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह समझौता कई पहलुओं में त्रुटिपूर्ण था। इसमें कहा गया है कि 15 फीसदी की दर उच्च आय वाले देशों में कामकाजी वर्ग और मध्य वर्ग द्वारा भुगतान किए जाने वाले कर से भी कम है। यह दर उन देशों में निगमों द्वारा झेले जाने वाले औसत वैधानिक दर से भी कम है।
वल्र्ड इनइक्वलिटी लैब के सह-निदेशक लुकास चांसल द्वारा लिखी गई और प्रसिद्घ फ्रांसीसी अर्थसास्त्री थॉमस पिकेटी सहित अन्य लोगों द्वारा समन्वित इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस बात का जोखिम है कि कर की दर को इतना नीचे रखने से वैधानिक निगम कर की उच्च दर वसूलने वाले देशों में इसमें अतिरिक्त कटौती करने की नौबत आ सकती है जिससे कॉर्पोरेट कर को घटाने की 1980 के दशक से नजर आई होड़ दोबारा से शुरू हो सकती है।’ इसमें कहा गया है कि 25 फीसदी की उच्च दर से इस प्रकार के प्रतिकूल परिणाम का जोखिम कम होगा। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के तत्वावधान में हुए समझौते जिसे अक्टूबर में जी-20 देशों ने स्वीकार किया था, के मुताबिक इस कराधान में दो स्तंभ वाले दृष्टिकोण को अपनाया गया है।  स्तंभ-2 में वैश्विक न्यूनतम कॉर्पोरेशन कर की दर 15 फीसदी रखी गई है। न्यनूतम कर की नई दर 75 करोड़ यूरो से अधिक राजस्व वाली कंपनियों पर लागू होगी। इससे सालाना करीब 150 अरब डॉलर का अतिरिक्त वैश्विक कर राजस्व सृजित होने का अनुमान है। स्तंभ-1 के तहत 20 अरब यूरो से अधिक की वैश्विक बिक्री और 10 फीसदी से अधिक का लाभ अर्जित करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों को नए नियमों के तहत कवर किया जाएगा। ऐसी कंपनियों को वैश्वीकरण का विजेता समझा जा सकता है। 10 फीसदी की सीमा से ऊपर लाभ का 25 फीसदी बाजार के क्षेत्राधिकारों को पुनर्आबंटित किया जाना है। इससे सालाना 125 अरब डॉलर का अतिरिक्त कर राजस्व सृजित होगा।  

First Published : December 13, 2021 | 11:50 PM IST