अफगानिस्तान में माहौल तनावपूर्ण

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:51 AM IST

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को हवाईअड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल दिखा और हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है जो जल्द से जल्द देश छोडऩे को बेचैन थे। हवाईअड्डे की अफरा-तफरी पर काबू पाने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर हवा में गोलियां भी चलाईं। सूत्रों के मुताबिक अराजक स्थिति के चलते काबुल हवाई अड्डïे पर सात लोगों की मौत हो गई। अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार हवाईअड्डे के नागरिक सेवाओं वाले हिस्से को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया गया है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलिवन ने कहा है कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर तेजी से कब्जा करने के लिए अफगान सेना की नाकामी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिका को अफगानिस्तान में तीसरे दशक के संघर्ष में नहीं झोंकना चाहते थे और उनका मानना था कि वक्त आ गया है कि अरबों डॉलर के निवेश और अमेरिका द्वारा प्रशिक्षण दिए जाने के बाद अफगान सेना दो दशक बाद अब अपने देश की रक्षा करे।   राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से बाहर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान के लड़ाके काबुल में घुस गए जिसके बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं। तालिबान ने एक हफ्ते से भी कम समय में देश के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया और पश्चिमी देशों द्वारा प्रशिक्षित देश का सुरक्षा बल, तालिबान को रोकने या मुकाबला करने में नाकाम साबित हुआ।
राजधानी का हाल

काबुल में तनावपूर्ण शांति है और ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं। वहीं तालिबान ने प्रमुख चौराहों पर अपने लड़ाकों को तैनात कर दिया है। लूटपाट की छिटपुट खबरें भी आ रही हैं। सड़कों पर इक्का दुक्का वाहन ही नजर आ रहे हैं और तालिबान के लड़ाके शहर के एक मुख्य चौराहे पर वाहनों की तलाशी लेते देखा जा सकते हैं। तालिबान ने हजारों कैदियों को रिहा कर दिया है और लोगों को अराजकता का डर सता रहा है। लोगों को तालिबान के क्रूर शासन के फिर से लौटने की आशंका सता रही है। बड़ी संख्या में लोग काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एकत्र हो गए हैं। 
अमेरिका का फरमान

अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि मध्य कमान के प्रमुख ने वरिष्ठ तालिबान नेताओं के साथ आमने-सामने की बैठक कर उनसे कहा है कि अफगानिस्तान के काबुल हवाईअड्डे पर लोगों को बाहर निकालने के लिए अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे अभियान में कोई बाधा न डाली जाए। अधिकारी ने बताया कि रविवार को कतर के दोहा में हुई बैठक में जनरल फ्रैंक मैकिंजी तालिबान से यह सहमति हासिल करने में सफल रहे कि हवाईअड्डे पर लोगों को बाहर निकालने का अभियान जारी रहेगा और नए शासक इसमें बाधा नहीं डालेंगे।    
उन्होंने कहा कि मैकिंजी ने तालिबान नेताओं से कहा कि अफगानिस्तान के नए शासक काबुल हवाईअड्डे पर लोगों को बाहर निकालने के लिए अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे अभियान में बाधा न डालें अन्यथा आवश्यकता पड़ी तो अमेरिकी सेना कड़ा जवाब देगी। अमेरिकी दूतावास को खाली कराने के साथ ही अमेरिकी ध्वज को उतार लिया गया है। राजनयिकों को हवाईअड्डे पर स्थानांतरित कर दिया गया है। अन्य पश्चिमी देशों ने भी अपने दूतावास बंद कर दिए हैं और कर्मचारियों और नागरिकों को बाहर निकाल रहे हैं।
भारतीयों से संपर्क

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार अफगानिस्तान में सभी घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रही है और पिछले कुछ दिनों में काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है। यहां हालात तेजी से बदल रहे हैं।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार अफगानिस्तान में मौजूद उन भारतीय नागरिकों के संपर्क में है जो वापस लौटना चाहते हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘हम अफगान सिख, हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं और उन लोगों को मदद उपलब्ध कराई जाएगी जो अफगानिस्तान छोडऩा चाहते हैं।’    
ट्विटर अकाउंट हैक

भारत स्थित अफगान दूतावास के एक अधिकारी ने कहा कि राजनयिक मिशन का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया है।

First Published : August 17, 2021 | 1:17 AM IST