विश्लेषकों के अनुमानों का बाजार… अब है नतीजों से बेजार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 11:04 PM IST

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आई नरमी और क्रेडिट संकट के चलते कंपनियां तो मुश्किलों का सामना कर ही रही हैं लेकिन उनके प्रदर्शन के बारे में अनुमान लगाने वाले विशेषज्ञों की मुसीबतें भी कम नहीं हैं क्योंकि कंपनियों के नतीजे उनके अनुमानों से मेल नहीं खा रहे हैं।


साल 2000 से कम से कम 27 कंपनियों के नतीजे अनुमानों पर खरे उतरते रहे हैं लेकिन अब स्थिति वह नहीं है। अर्थव्यवस्था हिचक ोले खा रही है और उधार का बाजार ठंडा पड़ा है। ऐसे में कंपनियों के लिए हालात काफी मुश्किल भरे हैं।


गोल्डमैन सैक्स इंक का कहना है कि अब तक जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) वगैरह के बारे में अनुमानों का गलत साबित होना आगे के लिए इशारा भर है।गोल्डमैन का अंदेशा है कि पहली तिमाही में कई कंपनियों के नतीजे उम्मीदों के  खिलाफ जाएंगे।


उधर सिएटल के वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में अकाउंटिंग प्रोफेसर शिव राजगोपाल तो इस बात पर हैरानी जाहिर करते हैं कि आखिर यह कैसे हुआ कि साल 2000 से जीई के बारे में एक भी अनुमान गलत साबित नहीं हुआ।अगर विशेषज्ञों कंपनियों से इतर स्वतंत्र रूप से अपना फैसला लेते हैं तो जीई के बारे में इस तरह का अनुमान लगाना महज एक चांस की बात नहीं हो सकती।


बेकार का खेल


यूएस सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन के अध्यक्ष विलियम डोनल्डसन का कहना है कि यह सारा खेल बेवकूफी भरा है। डोनाल्डसन के नेतृत्व वाले एक समूह ने तो तिमाही नतीजों की भविष्यवाणी और एक्जीक्यूटिव कॉम्पन्सेशन खत्म करने की सिफारिश की थी।


डोनल्डसन ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हर तिमाही में आय का खेल शेयरों के दाम को अनिश्चित बनाता है और कॉरपोरेट संसाधनों क ी बर्बादी का कारण बनता है। साथ ही इससे प्रबंधकों को निवेश में देरी करने और उग्र तरीके अपनाने की प्रेरणा भी मिलती है। उन्होने यह रिपोर्ट वॉशिंगटन के एक नॉन प्राफिट ग्रुप- कमेटी फॉर इकॉनॉमिक डेवलपमेंट के लिए तैयार की थी।


आय के आंकड़ों का यह खेल म्युचुअल फंड में निवेश करने वालों पर भारी पड़ता है क्योंकि इससे वास्तविक कॉरपोरेट प्रदर्शन का पता नहीं चलता।इस मामले में जीई का उदाहरण देखा जा सकता है जिसके बारे में ज्यादातर विशेषज्ञों के अनुमान गलत साबित हुए। बिजली संयंत्रों के टरबाइन, लोकोमोटिव और मेटीकल इमेजिंग मशीनों की आपूर्ति करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी जीई के पहली तिमाही के नतीजे आने से पहले 19 में से 16 विशेषज्ञों ने इसके शेयरों को खरीदने लायक बताया था।


लेकिन 11 अप्रैल को जब कंपनी ने घोषणा की कि कंपनी का मुनाफा 12 फीसदी घट गया है और यह वॉलस्ट्रीट विशेषज्ञों के औसत अनुमान से काफी कम था।जनरल इलेक्ट्रिक जो वित्तीय सेवा के क्षेत्र में भी काम करती है ने कहा कि के्रडिट बाजार में छायी मंदी की वजह से कुछ लेन देन पूरे ही नहीं हो पाए।


सटीक नहीं अनुमान


वॉल्सट्रीट विशेषज्ञों के अनुमानों को ज्यादा स्वतंत्र बनाने के लिए काफी कोशिशें की गई हैं। यूएस सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन का साल 2000 में दिया गया निर्णय, 2002 का सरबेन्स ऑक्सले अधिनियम और साल 2003 में प्रतिभूति कंपनियों के साथ सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन सेटलमेंट ऐसी ही कुछ कोशिशें थी लेकिन शोध में सटीकता की कमी दिखती है।


चौथी तिमाही में 1800 इक्विटी विश्लेषकों में से लगभग सभी ने अंतिम नतीजे का करीब 33.5 फीसदी गलत अनुमान लगाया और यह अब तक की सबसे बड़ी चूक थी।हालांकि बाद में स्टैंडर्ड और पु्अर सूचकांक में शामिल 500 कंपनियों ने अनुमानों के हिसाब से प्रदर्शन किया क्योंकि विश्लेषकों ने तिमाही के  दौरान अपने अनुमानों में फेरबदल कर दिया।

First Published : April 23, 2008 | 10:08 PM IST