प्रेसिडेंट ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह समझौता किस देश के साथ हो रहा है।
अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने कहा है कि वह गुरुवार (भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम 7:30 बजे) एक “बड़े व्यापार समझौते” की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
ट्रंप ने अपने निजी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Truth Social’ पर लिखा, “कल सुबह 10:00 बजे ओवल ऑफिस में एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें एक बड़े और अत्यंत सम्मानित देश के प्रतिनिधियों के साथ एक बड़ी ट्रेड डील का ऐलान किया जाएगा। यह कई समझौतों की शुरुआत होगी!!!”
हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह समझौता किस देश के साथ हो रहा है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह यूनाइटेड किंगडम हो सकता है।
यह ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब प्रेसिडेंट ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके हैं कि भारत, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ पहले टैरिफ डील आने वाले कुछ हफ्तों में लागू हो सकते हैं।
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30 अप्रैल को ट्रंप ने कहा था कि भारत के साथ टैरिफ वार्ता “बेहद सकारात्मक” दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने जल्द डील समझौता होने की उम्मीद जताई थी। भारतीय अधिकारियों ने संकेत दिया कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में एक “मधुरता” का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो भविष्य में सौदे को सुरक्षित बनाएगा। भारत सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी अन्य देश को भारत से बेहतर शर्तें न मिलें।
इससे पहले, अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने भी भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता की सकारात्मक प्रगति की बात कही थी, जिससे यह संकेत मिला कि भारत पहला देश बन सकता है जो यह नई ट्रेड डील करेगा।
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यूएस प्रेसिडेंट ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत, चीन और जापान सहित 100 से ज्यादा देशों पर जवाबी टैरिफ (reciprocal tariffs) लगाने का ऐलान किया था। भारतीय प्रोडक्ट्स पर 26 फीसदी की रियायती टैरिफ दर लगाई गई थी, जो अमेरिका के सामान पर भारत द्वारा लगाए गए 52 फीसदी टैरिफ की तुलना में कम थी।
9 अप्रैल को जब ये टैरिफ लागू होने वाले थे, तब ट्रंप ने 90 दिनों की टैरिफ स्थगन (pause) की घोषणा की, ताकि देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर सकें। हालांकि भारत सहित कई देशों ने बातचीत की कोशिश की, चीन ने इसका जवाबी कार्रवाई की और अमेरिका पर जवाबी टैरिफ (retaliatory tariffs) लगा दिए, जिससे अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (trade war) की स्थिति बन गई। फिलहाल अमेरिका ने चीनी प्रोडक्ट्स पर 145 फीसदी टैरिफ लागू किया है।