अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के लिए किसी न्यायाधीश को नामित करने का अधिकार है वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी से उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले को यह काम करना चाहिए। ट्रंप और बाइडन के बीच राष्ट्रपति चुनाव की पहली आधिकारिक बहस (प्रेसिडेंशियल डिबेट) की शुरुआत हुई जिस दौरान स्वास्थ्य देखभाल, कोरोनावायरस और उच्चतम न्यायालय के भविष्य जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। ओहायो के क्लीवलैंड में पहली बहस के दौरान ट्रंप से न्यायमूर्ति रूथ बेडर गिन्सबर्ग के निधन से रिक्त हुए पद के लिए न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट को नामित करने पर सवाल किया गया था। ट्रंप ने कहा, ‘हमने चुनाव जीता है और हमें यह करने का अधिकार है।’ इस पर बाइडन ने असहमति जताते हुए कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के लिए किसी व्यक्ति को नामित करने में अमेरिकी लोगों को अपनी राय देने का अधिकार है और ऐसा तब होता है जब वे अमेरिकी सीनेटर और अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए वोट देते हैं।’
बाइडन ने बैरेट को नामित करने का विरोध करते हुए कहा, ‘जनता को अब वह मौका नहीं मिलने वाला क्योंकि हम चुनाव के बीच में हैं, चुनाव शुरू हो चुके हैं।’ ट्रंप बहस के शुरुआती क्षणों में स्वास्थ्य देखभाल के लिए अफोर्डबल केयर एक्ट को बदलने के अपने फैसले का बचाव करने में संघर्ष करते दिखे और बैरेट के अपने नामांकन का बचाव करते हुए कहा, ‘मेरा चयन तीन साल के लिए नहीं, चार साल के लिए हुआ था।’ अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले ट्रंप और बाइडन के बीच तीन बार इस तरह की बहस होगी।
बाइडन ने कहा कि वह न्यायमूर्ति बैरेट का विरोध नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वह एक अच्छी इंसान लगती हैं, लेकिन उन्होंने पीठ को लिखा था कि उनका मानना है कि अफोर्डबल केयर एक्ट संवैधानिक नहीं है। अगर ऐसे मामले जो अदालत ने नहीं है वो खारिज हो जाते हैं तो क्या होगा? महिलाओं के अधिकार मौलिक रूप से बदल जाएंगे। एक बार फिर, गर्भवती महिलाओं को अधिक भुगतान करना होगा। जब हमने अफोर्डेबल केयर एक्ट पारित किया था, तब यह सब समाप्त हो गया था।’