संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भारत के डिजिटलीकरण कार्यक्रम की सराहना की है, जिससे वित्तीय समावेशन और गरीबी कम करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इससे देश को तुलनात्मक लाभ मिला है और इसके सबक को वैश्विक समुदाय के साथ साझा किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र के अध्यक्ष फ्रांसिस ने यहां एक विशेष साक्षात्कार में बताया, ”सबसे पहले मैं यह कहना चाहता हूं कि जब से मैं भारत से लौटा हूं, उसके बाद जब भी मैं भारत के बारे में सोचता हूं, मुझे ‘अतुल्य भारत’ याद आता है। मैं पूरी गंभीरता से कहा रहा हूं… और जब मैं वहां था, तब मैंने इसे महसूस किया।”
उन्होंने कहा, ”इस संबंध में मैं जिस विशिष्ट उदाहरण का उल्लेख कर सकता हूं, वह है भारत में डिजिटलीकरण का उपयोग।” उन्होंने देश के पर्यटन वाक्य ‘अतुल्य भारत’ का जिक्र किया। फ्रांसिस इस साल 22-26 जनवरी तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की और जयपुर तथा मुंबई की यात्रा भी की।
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उन्होंने गरीबी को कम करने तथा सिर्फ एक हैंडसेट और डिजिटलीकरण मॉडल के उपयोग से लाखों लोगों को औपचारिक आर्थिक प्रणाली में लाने के लिए भारत के डिजिटलीकरण कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा किया कि डिजिटलीकरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लागत को कम करता है, अर्थव्यवस्थाओं को अधिक कुशल बनाता है और सेवाओं को सस्ता बनाता है।
फ्रांसिस ने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिल रही है। इस क्षेत्र में भारत को स्पष्ट रूप से तुलनात्मक लाभ है और इसमें ऐसे सबक हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी भारत यात्रा के दौरान वह देश भर में बुनियादी ढांचे के विकास में किए जा रहे निवेश के स्तर से प्रभावित हुए।