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UNSC में भारत-पाक तनाव पर बंद दरवाजे के पीछे हुई चर्चा, UN चीफ गुटेरेस ने संयम बरतने का किया आग्रह

बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली, लेकिन चर्चा के बाद सुरक्षा परिषद की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- May 06, 2025 | 8:28 PM IST

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को बंद दरवाजों के पीछे चर्चा की। 15 सदस्यीय इस बैठक में सभी देशों के प्रतिनिधियों ने संयम बरतने और आपसी संवाद पर जोर दिया। बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली, लेकिन चर्चा के बाद सुरक्षा परिषद की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया।

पाकिस्तान ने की थी “क्लोज्ड कंसल्टेशन” की मांग

इस विचार-विमर्श का अनुरोध पाकिस्तान ने किया था, जो फिलहाल सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। पाकिस्तान ने भारत के साथ मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए “क्लोज्ड कंसल्टेशन” की मांग की थी। बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद (Asim Iftikhar Ahmad) ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बैठक की जानकारी साझा की।

अहमद ने कहा कि बंद दरवाजों के पीछे हुई इस चर्चा का उद्देश्य सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते सुरक्षा हालात और बढ़ते तनाव पर विचार-विमर्श का मौका देना था। इसके साथ ही, इस बात पर चर्चा करना था कि हालात को कैसे संभाला जाए, ताकि किसी ऐसे टकराव से बचा जा सके जिसका गंभीर असर पड़ सकता है।

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टकराव टालने की अपील

मई महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहे ग्रीस ने इस बैठक को सोमवार (5 मई 2025) दोपहर के लिए निर्धारित किया था। यह बंद दरवाजों के पीछे हुई बैठक UNSC के उस कक्ष में नहीं हुई जहां सदस्य देश पारंपरिक रूप से ‘घोड़े की नाल’ के आकार की मेज पर बैठते हैं, बल्कि यह उस कक्ष के बगल में स्थित एक कंसल्टेशन रूम में आयोजित की गई।

मध्य पूर्व, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक और शांति स्थापना मामलों तथा शांति अभियान विभागों के सहायक महासचिव खालिद मोहम्मद खियारी (ट्यूनीशिया) ने इन दोनों विभागों (DPPA और DPO) की ओर से सुरक्षा परिषद को जानकारी दी।

बैठक से बाहर निकलते हुए खियारी ने कहा कि सदस्यों ने संवाद और शांतिपूर्ण समाधान की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति अस्थिर और संवेदनशील बनी हुई है।

बैठक “उपयोगी और सार्थक”- इवेंजेलोस सेकेरिस

संयुक्त राष्ट्र में ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि और मई महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष एंबेसडर इवेंजेलोस सेकेरिस ने इस बैठक को “उपयोगी और सार्थक” बताया। सेकेरिस ने कहा कि तनाव को कम करने के प्रयासों में सुरक्षा परिषद हमेशा सहायक रही है। पिछले हफ्ते सेकेरिस ने कहा था कि इस मुद्दे पर परिषद की बैठक एक ऐसा अवसर हो सकती है, जहां विभिन्न विचार सामने आएं और यह तनाव को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है।

बैठक से बाहर निकलते हुए एक रूसी राजनयिक ने कहा, “हम तनाव कम होने की उम्मीद करते हैं।”

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UN चीफ गुटेरेस ने जताई चिंता

बंद दरवाजों के पीछे हुई बैठक से कुछ घंटे पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (António Guterres) ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्षों में यह तनाव सबसे ज्यादा है और यह देख कर उन्हें दुख होता है कि दोनों देशों के रिश्ते उबाल पर पहुंच गए हैं।

गुटेरेस ने यह टिप्पणी सोमवार सुबह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ‘स्टेक-आउट’ (प्रेस ब्रीफिंग स्थल) पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान की। यह बयान ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 आम नागरिकों की जान गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं- UN चीफ गुटेरेस

गुटेरेस ने कहा कि वह पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद लोगों की भावनाओं को समझते हैं और इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, “आम नागरिकों को निशाना बनाना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है और दोषियों को भरोसेमंद और कानूनी तरीके से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जोर देकर कहा कि खासकर इस नाजुक समय में किसी भी सैन्य टकराव से बचना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह स्थिति आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकती है।

गुटेरेस ने कहा, “अभी संयम की सबसे ज्यादा जरूरत है और युद्ध के कगार से पीछे हटने का वक्त है। यही संदेश मैंने दोनों देशों के साथ अपनी लगातार बातचीत में दिया है। यह बात साफ है—सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है।”

पांच वीटो पावर वाले स्थायी सदस्य देशों — चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका — के अलावा सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य देश भी शामिल हैं। ये देश हैं: अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया।

(PTI के इनपुट के साथ)

 

 

First Published : May 6, 2025 | 9:01 AM IST