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अमेरिका का भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनना मजबूत होते संबंधों का प्रमाण: कृष्णमूर्ति

उन्होंने कहा कि इस भागीदारी से दोनों देशों की समृद्धि और सुरक्षा बेहतर होगी

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भाषा
Last Updated- April 19, 2023 | 11:46 AM IST

भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा है कि अमेरिका का भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनना दोनों लोकतंत्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस भागीदारी से दोनों देशों की समृद्धि और सुरक्षा बेहतर होगी।

कृष्णमूर्ति ने यह टिप्पणी तब की है जबकि इस तरह की खबरें आई हैं कि अमेरिका 2022-23 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है। इससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में मजबूती का पता चलता है।

वाणिज्य मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों 2022-23 में भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 7.65 प्रतिशत बढ़कर 128.55 अरब डॉलर हो गया है, जबकि 2021-22 में यह 119.5 अरब डॉलर था। 2020-21 में द्विपक्षीय व्यापार 80.51 अरब डॉलर रहा था।

डेमोक्रेट सांसद कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत के बीच व्यापार का तेजी से बढ़ना हमारे लोकतंत्रों के बीच संबंधों के मजबूत होने का प्रमाण है। हमारी भागीदारी दोनों देशों के अलावा व्यापक दुनिया की समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ाती है।

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिका अब भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है, लेकिन यह जरूरी है कि हम दोनों अर्थव्यवस्थाओं को और मजबूत करने की व्यापक संभावनाओं को पहचाने और अमेरिका में रोजगार का सृजन करें।’’

अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। 2022-23 में भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 28 अरब डॉलर था।

First Published : April 19, 2023 | 11:39 AM IST