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US में बड़ा चुनावी रिफॉर्म! वोटिंग के लिए सिटीजन​शिप प्रूफ अनिवार्य, Trump ने आदेश पर किए दस्तखत

ट्रंप की ओर से साइन किए गए आदेश में कहा गया है कि अमेरिका "बुनियादी और आवश्यक चुनावी सुरक्षा" को लागू करने में विफल रहा है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 26, 2025 | 3:02 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार (IST) को देश के चुनावों में सुधार के लिए एक और एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए। इस आदेश में सख्त नियम शामिल हैं। जिसमें चुनावों में मतदान के लिए रजिस्टर कराने के लिए सिटीजन​शिप प्रुफ देना अनिवार्य किया गया है। साथ ही इसमें सभी बैलेट पेपर चुनाव के दिन तक उपलब्ध कराने की डिमांड भी शामिल है।

ट्रंप की ओर से साइन किए गए आदेश में कहा गया है कि अमेरिका “बुनियादी और आवश्यक चुनावी सुरक्षा” को लागू करने में विफल रहा है। आदेश में राज्यों से मतदाता सूची साझा करने और चुनावी अपराधों पर मुकदमा चलाने के लिए एजेंसियों के साथ काम करने का भी आह्वान किया है। इसके अलावा, इसमें उन राज्यों से फेडरल फंडिंग कम करने की धमकी दी गई है जहां अधिकारी अनुपालन नहीं करते हैं।

ट्रंप ने भारत, ब्राजील, डेनमार्क और स्वीडन जैसे देशों के उदाहरण भी दिए। भारत और ब्राजील द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ये देश “मतदाता पहचान को एक बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका नागरिकता के लिए बड़े पैमाने पर स्व-सत्यापन पर निर्भर करता है।”

एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस नए आदेश को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि राज्यों को चुनावों के लिए अपने नियम निर्धारित करने का व्यापक अधिकार है। हालांकि, यह निर्णय चुनाव प्रक्रिया की आलोचना करने के ट्रंप के इतिहास के अनुरूप है। ट्रंप ने अक्सर दावा किया है कि चुनाव में धांधली होती है, भले ही परिणाम घोषित न किए गए हों।

2020 के बाद से, ट्रंप कुछ मतदान मैथड को चुनौती दे रहे हैं क्योंकि वे डेमोक्रेट जो बाइडेन से हार गए और उन्होंने व्यापक धोखाधड़ी को इसका कारण बताया। विशेष रूप से मेल वोटिंग पर फोकस करते हुए ट्रंप ने इसे असुरक्षित कहा है और कहा है कि यह धोखाधड़ी को आमंत्रित करता है। हालांकि, राष्ट्रपति ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए ऐसा कोई सबूत नहीं दिया है।

मतदाताओं, जिनमें रिपब्लिकन भी शामिल हैं, के बीच इसकी लोकप्रियता को देखते हुए, ट्रंप ने अपने पिछले रुख से पीछे हट गए हैं और कहा है कि हालांकि धोखाधड़ी होती है, ‘यह दुर्लभ है, दायरे में सीमित है, और मुकदमा चलाया जाता है।’

मतदान के लिए नागरिकता दस्तावेजों के प्रमाण को अनिवार्य करने वाला आदेश दर्शाता है कि राष्ट्रपति अमेरिकी मतदाता पात्रता (SAVE) अधिनियम की सुरक्षा के लिए कांग्रेसी रिपब्लिकन के पारित होने का इंतजार नहीं करने वाले हैं, जिसका मकसद भी यही है। रिपब्लिकन ने इस उपाय का बचाव किया है और इसे अमेरिका के चुनावों में लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए आवश्यक बताया है।

मतदाताओं के लिए परेशानी

हालांकि, वोटिंग राइट्स ग्रुप्स ने चिंता जताई है कि नागरिकता के प्रमाण की आवश्यकता मतदाताओं को मताधिकार से वंचित कर सकती है। ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस और अन्य समूहों की ओर से 2023 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मतदान की उम्र के नौ प्रतिशत, या 21.3 मिलियन, अमेरिकी नागरिकों के पास नागरिकता का प्रमाण आसानी से उपलब्ध नहीं है।

इसके अलावा, विवाहित महिलाओं, जिन्होंने नाम बदल लिए हैं, को भी रजिस्टर कराने में परेशानी होने की संभावना है, क्योंकि उनके जन्म प्रमाण पत्र में उनका पहला नाम (मायके का नाम) लिखा होता है।

एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के ​​खिलाफ कोर्ट!

राज्यों के पास चुनावों की अथॉरिटी है, इसके देखते हुए ट्रंप के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को कुछ कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जबकि अमेरिकी संविधान कांग्रेस को मतदान को रेगुलेट करने के कुछ अ​धिकार देता है, चुनाव के “समय, स्थान और तरीके” का निर्णय करने का अधिकार राज्यों के पास है।

(एजेंसियों से इनपुट के साथ)

First Published : March 26, 2025 | 10:30 AM IST