Federal Reserve Board Chair Jerome Powell holds a press conference following a two-day meeting of the Federal Open Market Committee on interest rate policy in Washington, U.S., September 18, 2024. (REUTERS)
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने महामारी के बाद पहली बार ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा की है। इस कटौती के बाद अब मौजूदा ब्याज दरें 4.75% से 5% के बीच हो गई हैं, जो पहले 5.25% से 5.5% थीं। यह फैसला फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) की दो दिन तक चली बैठक के बाद लिया गया। US Fed Reserve ने यह फैसला अमेरिकी जॉब मार्केट को लेकर चिंताओं और नवंबर 2024 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनज़र लिया है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच महंगाई पर काबू पाने के लिए 11 बार ब्याज दरों में वृद्धि की थी, लेकिन पिछली तीन बैठकों में फेड ने दरों को स्थिर रखा था। फेड ने यह भी संकेत दिया था कि 2024 में दरों में कटौती हो सकती है। इस क्रम में, फेड ने हाल ही में 0.5% की कटौती की है, जो 2020 के बाद पहली बार की गई है। फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा कि दरों में कटौती करने में कोई देरी नहीं हुई है, लेकिन यह मानना गलत होगा कि महंगाई पर पूरी तरह नियंत्रण हो गया है। उनका कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अब भी मजबूत बनी हुई है और 2024 में GDP 2% की वृद्धि दर्ज कर सकती है।
US Fed ने कही ये बात
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियां तेज़ हैं, लेकिन नौकरियों में बढ़ोतरी धीमी हुई है और बेरोजगारी दर में मामूली वृद्धि हुई है। महंगाई 2% लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, लेकिन अभी भी ऊंची बनी हुई है। फेड ने दीर्घकालिक रोजगार और 2% महंगाई लक्ष्य के लिए फेडरल फंड रेट को 0.50% घटाकर 4.75-5% कर दिया है।
क्या RBI भी करेगा रीपो रेट में बदलाव?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद अब सभी की नजरें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर हैं कि वह अपने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव करेगा या नहीं। हालांकि, SBI के चेयरमैन सीएस शेट्टी का कहना है कि फूड इनफ्लेशन में जारी अनिश्चितता के कारण निकट भविष्य में रीपो रेट में कटौती की संभावना कम है। आरबीआई ने पिछले 8 मौकों पर रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि आखिरी बार फरवरी 2023 में इसे बढ़ाकर 6.5% किया गया था। महामारी के दौरान आरबीआई ने मार्च 2020 में इसे 5.15% से घटाकर 4.40% किया था और फिर मई 2020 में इसे 4% पर लाया गया था।